कहानी
‘जीनियस’ की कहानी ऐसे अनाथ बच्चे वासुदेव (उत्कर्ष शर्मा) की है जो ISI द्वारा भड़काए दंगों में माता-पिता को खो देता है। मथुरा के कृष्ण मंदिर के पुजारी ने उसे पाला-पोसा। जीनियस वासु की जिंदगी में तब बदलाव आता है जब वह IIT में पढ़ने जाता है और उसकी मुलाकात नंदिनी (इशिता चौहान) से होती हैं लेकिन नंदिनी कॅरियर को प्यार से ज्यादा तवज्जो देती है। जॉब के लिए उसके अमरीका चले जाने के बाद वासु भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में शामिल हो जाता है और एक खतरनाक मिशन के लिए जान की बाजी लगा देता है। हालांकि उन्हें इस बात की खबर नहीं होती कि उनकी जिंदगी में नेमसिस एमआरएस (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की एंट्री होने के साथ ही खतरनाक ट्विस्ट आने वाला है। ये भी अपने आपको ‘जीनियस’ समझता है।
रिव्यू
फिल्म की स्क्रिप्ट काफी कमजोर है, लेकिन न्यूकमर होने के बाद भी उत्कर्ष शर्मा अपना चार्म कुछ हद तक बिखरने में कामयाब हुए हैं। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रोल में मिथुन चक्रवर्ती जचे हैं। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की धमाकेदार एंट्री है, लेकिन जीनियस के तौर पर उनका कुछ खास असर नहीं दिखता है।वहीं म्यूजिक की बात करे तो फर्स्ट हाफ में कुछ अच्छे गाने हैं हालांकि दूसरा हाफ पूरी तरह से विफल होता है। कुल मिलाकर, ‘जीनियस’ पूरी तरह से बेअसर है।