स्टार कास्ट क्रिस प्रैट, ब्राइस डलास हॉवर्ड, राफे स्पैल, जस्टिस स्मिथ, डैनियला पिनेडा, जेम्स क्रोमवेल, टोबी जोनस साल 1993 में आई साइंस-फिक्शन एडवेंचर फिल्म ‘जुरासिक पार्क’ ने दर्शकों को रोमांच की एक अलग ही दुनिया का अहसास करवाया था। उसके बाद से चला ‘जुरासिक’ का यह सिलसिला अब ‘जुरासिक वर्ल्ड : फॉलन किंगडम’ तक पहुंच गया है। यह ‘जुरासिक वर्ल्ड’ (2015) का सीक्वल है। फिल्म में रोमांच तो है, लेकिन कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि डायनासोर की इस दुनिया में अब कुछ और डिफरेंट होना चाहिए।
स्क्रिप्ट जुरासिक वल्र्ड थीम पार्क के बंद होने के ३ साल बाद क्लेयर (ब्राइस डलास) बेंजामिन लॉकवुड व एली मिल्स से मिलती है। वो उसे तबाही की कगार पर खड़े आइलैंड से डायनासोर को बचाने की कहते हैं। इसके बाद क्लेयर, ओवेन (क्रिस प्रैट) और उनके दो साथी डायनासोर को बचाने के लिए इस्ला नुबलर जाते हैं, वहां एक ज्वालामुखी सक्रिय है। यहां उन्हें पता चलता है कि वो किसी षड्यंत्र का शिकार हो गए हैं।
एक्टिंग क्रस प्रैट ने एक बार फिर ओवेन के किरदार में उम्दा परफॉर्मेंस दी है। ब्राइस डलास भी क्लेयर के रोल में फिर से मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती हैं। आईटी टेक्नीशियन फ्रैंकलिन की भूमिका में जस्टिस स्मिथ अपनी बचकानी हरकतों से गुदगुदाते हैं। डॉ. जिया के रोल में डैनियला पिनेडा परफेक्ट हैं। विलेन के रूप में राफे स्पैल औसत हैं। अन्य सपोर्टिंग कास्ट का काम ठीक-ठाक है।
डायरेक्शन जे.ए. बायोना का निर्देशन ठीक है। स्क्रीनप्ले एंगेजिंग है, लेकिन कुछ लूप होल्स हैं, जो रोमांच में खलल पैदा करते हैं। कम्प्यूटर जनरेटेड इमेजिनरी और विजुअल इफेक्ट्स काफी एडवांस्ड हैं, जिनका बखूबी इस्तेमाल किया है। इससे रैपटर्स के एक्शन सीक्वेंस में थ्रिल और एक्साइटमेंट फील होता है। बैकग्राउंड स्कोर रोमांच को बढ़ाने में प्लस पॉइंट है। सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है।
क्यों देखें
एक्शन सीक्वेंस में डायनासोर का आतंक, ज्वालामुखी फटने से हुई तबाही और अंडरवॉटर सीन लाजवाब हैं। ऐसे में एक्शन-एडवेंचर का लुत्फ उठाने के लिए ‘जुरासिक वर्ल्ड’ आपका स्वागत करता है।