निर्माता: साजिद नाडियाडवाला, निर्देशक: शब्बीर खान, कलाकार: टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर, सुधीर बाबू, संजय मिश्रा, सुनील ग्रोवर, रेटिंग: 3/5
मुंबई। अभिनेता टाइगर श्रॉफ और अभिनेत्री श्रद्धा कपूर अभिनत फिल्म बागी का दर्शकों का बड़ी बेसब्री से इंतजार था। फिल्म का ट्रेलर और इसके गाने जिस तरह से सोशल मीडिया में धूम मचा रखे थे, उसे देखकर लगता था कि बागी एक अच्छी फिल्म होगी। बता दें कि इससे पहले सलमान खान और नगमा अभिनीत फिल्म बागी आई थी, जो ब्लॉकबस्टर रही। लेकिन नई बागी उसके सामने कहीं नहीं टिकती। फिल्म देखकर ऐसा लगता है, जैसे एक्शन की चाशनी में एक घिसीपिटी मिठास में मिठास लाने की जबरन कोशिश की गई है।
गौरतलब है कि यह टाइगर श्रॉफ की दूसरी फिल्म है और उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। निर्देशक ने उनसे जैसा करवाया उन्होंने उसे बखूबी किया। वे अपनी पहली फिल्म हीरोपंती की तुलना में इसमें ज्यादा परिपक्व नजर आए हैं। उनके एक्शन सीन प्रभावित करते हैं। लेकिन कहते है कि सिर्फ एक्शन के दम पर कोई फिल्म सुपरहिट नहीं हो सकती। किसी फिल्म का एक्शन भी तभी कारगर साबित होता है, जब उसकी कहानी उम्दा होती है। बागी भी कुछ ऐसी ही फिल्म है। कहानी कमजोर है और एक्शन दमदार। इस मच अवेटेड फिल्म को डायरेक्ट किया है सब्बीर खान ने और प्रोड्यूस किया है साजिद नाडियाडवाला ने।
कहानी…
फिल्म शुरू होती है सिया (श्रद्धा कपूर) से, जो साउथ फिल्म्स की हीरोइन है। बैंकाक का जाना माना क्रिमिनल राघव (सुधीर बाबु) सिया को किडनैप कर बैंकाक लेकर चला जाता है। सिया के पिता (सुनील ग्रोवर) और फिल्म प्रोड्यूसर मदद मांगने रॉनी (टाइगर श्रॉफ) के पास जाते हैं और सिया को वापस लाने के लिए कहते हैं। रॉनी बैंकाक के लिए निकलता है और फ़्लैशबैक में अपने और सिया की लवस्टोरी को याद करता है कि कैसे वो दोनों मिले थे और फिर कैसे अलग हो गए। दूसरी तरफ राघव भी सिया से बहुत प्यार करता है और उसे पाने के लिए किसी की भी जान ले सकता है। राघव और रॉनी दोनों सिया को पाने के लिए अंत तक लड़ते हैं।
कुछ भी नयापन नहीं…
फिल्म की कहानी में कुछ भी नयापन नहीं नजर आता। इसमें जो कहानी बुनी गई है, ऐसी कहानी इससे पहले कई फिल्मों दर्शायी जा चुकी है। मसलन, हीरो-हीरोइन एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब विलन भी हीरोइन से प्यार करने लगता है और पूरी फिल्म में हीरो और विलन हीरोइन को पाने के लिए लड़ते रहते हैं। इस तरह की कहानी बॉलीवुड फिल्मों में तब से दिखाई जा रही है, जब हमारे माता-पिता भी बच्चे हुए करते थे।
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन कमाल का है। सब्बीर खान ने अच्छा काम किया है और टाइगर श्रॉफ के टैलेंट को अच्छे से यूटीलाइज किया है। टाइगर ने फिल्म के लिए कलारीपयाट्टू की ट्रेनिंग ली है। श्रद्धा कपूर ने भी फिल्म के लिए काफी ट्रेनिंग ली है और वो भी एक्शन सीन्स करते नजर आ रही हैं। फिल्म में एक्शन सीन्स कमाल के हैं, लेकिन कई बार ऐसा लगता है, जैसे निर्देशक सिर्फ एक्शन पर फोकस्ड है। कई मारधाड़ वाले दृश्य बोर करते हैं। नतीजन फिलम का क्लाइमेक्स लंबा खिंच जाता है। फिलम के आखिर में क्या होत है, यह बताने की जरूरत नहीं है। जब एक लड़की के लिए हीरो और विलन में लड़ाई होती है, तो आखिर में जीत किसकी होगी…जहिर है हीरो की।
अभिनय…
टाइगर श्रॉफ ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है। वो इस फिल्म में काफी हॉट लग रहे हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि इस फिल्म के बाद उनके फैंन की संख्या में निश्चित ही इजाफा होगा। श्रद्धा कपूर भी टाइगर को फिल्म में कॉम्प्लीमेंट करती हैं। एक्टर सुधीर बाबु ने भी अपने काम से इम्प्रेस किया है। उनकी बॉडी और उनका एक्शन दूसरे बॉलीवुड स्टार्स के मन में असुरक्षा की भावना जगा सकता है।
गीत-संगीत…
फिल्म का म्यूजिक बहुत अच्छा है, जो फिल्म में चल रहे मारधाड़ से आपको थोडा ब्रेक देता है। फिल्म का वीक पॉइंट है फिल्म की कॉमेडी। संजय मिश्रा और सुनील ग्रोवर ने लोगों को खूब हंसाने की कोशिश की, लेकिन वो नाकामयाब रहे।
क्यों देखें बागी…
बेशक फिल्म की कहानी में ताजगी नहीं है, लेकिन टाइगर श्रॉफ और श्रद्धा कपूर का अभिनय आपको प्रभावित कर सकता है। दोनों की केमस्ट्री जबरदस्त है। यह मौका नहीं गंवाना चाहिए। सभी स्टार्स ने खूब मेहनत की है, ऐसे में फिल्म देखी जा सकती है, क्योंकि इसके कलाकार आपको निराश नहीं करेंगे।