यह एक एक्शन फिल्म है और इसमें जॉन फिट बैठे हैं। यदि यह फिल्म ओरिजनल होती, तो बात ही और होती…
एंटरटेनमेंट डेस्क। एक और हॉलीवुड फिल्म की हूबहू कॉपी। जी हां, जिसने कोरियन फिल्म मैन फ्रॉम नोवेयर देखी है, उसके लिए फिल्म रॉकी हैंडसम कतई नई नहीं हो सकती। कुछ लोग तो यह भी कहते पाए गए कि रॉकी हैंडसम, मैन फ्रॉम नोवेयर की हिंदी अनुवाद है। अब सवाल यह उठता है कि निर्माता सुनील खेत्रपाल और सहायक निर्माता जॉन अब्राहम ने क्या सोचकर यह फिल्म बनाई है। यह एक एक्शन फिल्म है और इसमें जॉन फिट बैठे हैं। यदि यह फिल्म ओरिजनल होती, तो बात ही और होती। लेकिन हिंदुस्तान में कोई भी सिर्फ एक्शन के दम पर नहीं चल सकती। दर्शकों को कहानी पसंद आनी चाहिए। आइए, जानते हैं फिलम की कहानी क्या है…
कहानी
रॉकी हैंडसम कहानी है देशभक्त स्पेशल एजेंट (एक्स) कबीर अहलावत यानी रॉकी और देश के ड्रग्स, ह्यूमन बॉडी ऑर्गन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग करनेवाले तस्करों के बीच के लड़ाई की। एक सात साल की बच्ची नाओमी (दिया चलवाड ) रॉकी की पड़ोसी होती है, जो रॉकी को हैंडसम कह के बुलाती है और उससे बेहद प्यार करती है। रॉकी भी नाओमी को बेहद चाहता है, लेकिन कुछ लोग अचानक नाओमी और उसकी मां एना (नथालिया कौर ) को किडनैप कर लेते हैं, क्योंकि एना और उसका बॉयफ्रैंड बेशकीमती ड्रग की चोरी करते हैं। मासूम बच्ची नाओमी को छुड़ाने के लिए रॉकी भी इस मामले में इनवॉल्व हो जाता है।
नाओमी को छुड़ाने की खातिर रॉकी देश में चल रहे ड्रग्स, ह्यूमन बॉडी ऑर्गन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग की काली दुनिया को करीब से देखता है। नाओमी को ढंढऩे के लिए रॉकी अपनी जान दांव पर लगा देता है। कहानी में कई जगह नए मोड़ आते हैं, जो कभी आपको चौंकने पर भी मजबूर करते हैं।
अभिनय…
जॉन अब्राहम की बेहतरीन अदाकारी और उनकी जबरदस्त एक्शन इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है। श्रुति हासन ने कबीर अहलावत की पत्नी (रुक्शिदा) का किरदार निभाया है। हालांकि श्रुति की भूमिका बेहद कम है, लेकिन रोमांटिक गाने और कुछ दृश्यों में वो अच्छी लगती हैं। जॉन के अलावा शरद केलकर ने एक पुलिस अफसर की भूमिका में प्रभावी नजर आए हैं। निशिकांत कामत ने भी मुख्य खलनायक का किरदार निभाने की पूरी इमानदारी से कोशिश की है। लेकिन खलनायकों को जिस तरह से फिल्म में दिखाया गया है, वह गले से नहीं उतरता…सवाल उठता है कि क्या खलनायक ऐसे होते हैं। जिस पर नफरत न पैदा हो, वह कैसा खलनाक।
डायरेक्शन…
निशिकांत कामत ने रॉकी हैंडसम को निर्देशित किया है। निशिकांत अच्छी फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। यह फिल्म कोरियन फिल्म की रीमेक है और इसे हूबहू उसी तरह से शूट किया गया है। निशिकांत ने कोरियन फिल्म की बराबरी करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन कोरियन और हिंदी फिल्म का फर्क साफ नजर आता है। कुछ अच्छा करने के चक्कर में निशिकांत से बड़ी चूक हो गई।
गीत-संगीत…
फिल्म में सनी बावरा और इंदर बावरा का म्यूजिक है। रॉक द पार्टी, अल्फाजों की तरह, ए खुदा और तितलियां गाने अच्छे लगते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड भी ठीक-ठाक है।
फिल्म की खासियत…
जॉन अब्राहम का अभिनय और एक्शन अच्छा है। इसके अलावा फिल्म में ड्रग्स, ह्यूमन बॉडी ऑर्गन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसे जरायम की काली दुनिया को उजागर किया गया है, जिसे देखकर दर्शक शॉक हो सकते हैं। साथ ही फिल्म स्टंट बेहद नए हैं और दर्शकों को पसंद आ सकते हैं।
फिल्म की कमजोर कड़ी…
फिल्म की कहानी में एक के बाद एक कई मोड़ आते हैं, ऐसा लगता है कि कहानी उलझती जा रही है। जॉन के अलावा अदाकारी में निशिकांत कामत और शरद केलकर को छोड़ दिया जाए, तो किसी ने कुछ खास नहीं किया है। खासकर खलनायकों को साइको की तरह पेश किया गया है, जो बेहद बचकाना लगता है। जरायम की काली दुनिया का भयावह चेहरा दिखाया गया है लेकिन इसे बेहद मामूली तरह से पेश किया गया है। इसे और प्रभावी तरीके से पेश किया जा सकता था।
फिल्म क्यों देखें…
फिल्म की कहानी में नयापन नहीं है। हां, जॉन के अभिनय और एक्शन के लिए फिल्म देखी जा सकती है।
रेटिंग 3/5