scriptकमबैक फिल्म “जज्बा” में ऐश्वर्या पर भारी पड़े इरफान | Movie Review: Jazbaa | Patrika News

कमबैक फिल्म “जज्बा” में ऐश्वर्या पर भारी पड़े इरफान

Published: Oct 09, 2015 11:30:00 am

ऎश्वर्या राय बच्चन ने 5 साल बाद फिल्म “जज्बा” के साथ सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है। इसमें उनका किरदार बेहद स्ट्रॉन्ग है

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रेटिंग : 2.5 स्टार
रोहित तिवारी/ मुंबई ब्यूरो।
इंडस्ट्री में अपनी अलग तरह की पहचान बनाने में सफल रह चुके निर्देशक संजय गुप्ता इस बार ऑडियंस के लिए एक नई तरह की थ्रिलर “जज्बा” लेकर आए हैं। उन्होंने फिल्म के निर्देशन की सफल कमान संभालते हुए क्राइम का गजब तड़का भी लगाया है। उन्होंने अपने पिछली फिल्मों की तरह ही इस बार भी समाज से जुड़ी एक घटना को उजागर करने की पूरी कोशिश की है।

कहानी :
फिल्म की कहानी सनाया वर्मा (ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी) से शुरू होती है। सनाया की मां अनुराधा वर्मा एक नामचीन वकील होती हैं। उनके बारे में माना जाता है कि अनुराधा ने केस ले लिया मानो, जीत पक्की…। इस तरह से एक बार शहर के हिस्ट्रीशीटर अब्बास (अभिमन्यु शेखर सिंह) का केस वह अपने कम्पटीटर अतुल कुलकर्णी से हार जाती है। इस पर अब्बास अनुराधा पर खुश होता है और बोलता है कि कभी जरूरत पड़े तो याद करना। उधर, योहान (इरफान खान) पुलिस में एक सीनियर अधिकारी होते हैं, लेकिन उन पर करप्शन का चार्ज लगाकर उन्हें भी नौकरी से निकालने की धमकी मिल जाती है और योहान के सीनियर उससे डेढ़ करोड़ की मांग करते हैं। बता दें कि अनुराधा और योहान दोनों कॉलेज के समय से दोस्त हैं, अनुराधा की शादी हो जाती है तो वह यूएसए चली जाती है और किन्हीं कारणों से उसे वहां कस सब कुछ छोड़कर वापस मुंबई सिर्फ अपनी बेटी सनाया की खातिर आती है। अब इधर सनाया के स्कूल में एक स्पोर्ट्स कॉम्पटीशन के दौरान अनुराधा अपनी बेटी खो बैठती है। फिर उसके पास एक कॉल आता है अनुराधा पर नियाज शेख (चंदन रॉय सानयाल) का मर्डर केस लड़ने का दबाव बनाया जाता है। बता दें कि नियाज को गरिमा चौधरी (शबाना आजमी) की बेटी सिसा से बलात्कार और हत्या के केस में फांसी की सजा हो जाती है। अब अनुराधा की बेटी सनाया की किडनैपिंग की भनक योहान को भी लग जाती है। इसी के साथ फिल्म में ट्विस्ट आता है और कहानी आगे बढ़ती है।



अभिनय :
पांच साल बाद कमबैक करने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन इस बार भी अपने अभिनय कुछ अलग करती हुई दिखाई दीं। उन्होंने साबित कर दिखाया है कि एक मां भी अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर बी-टाउन में एक सफल कमबैक किया जा सकता है। साथ ही इरफान खान भी ऐश्वर्या का भरपूर साथ देते हुए नजर आए। फिल्म में कहीं कहीं इरफान ऐश्वर्या पर भारी पड़ते नजर आएं। शबाना आजमी जैकी श्रॉफ समेत अतुल कुलकर्णी सभी अपने-अपने रोल में काफी हद तक कामयाब रहे। चंदन रॉय सान्याल का अभिनय देखने लायक रहा और साथ ही अभिमन्यु शेखर सिंह भी निर्देशक की हर उम्मीद पर खरे उतरे हैं। इसके अलावा फिल्म में प्रिया बनर्जी की उपस्थित दर्शकों को कहीं-कहीं पर थोड़ा बोर करती हुई नजर आई।



निर्देशन :
अपनी पिछली फिल्म की तरह ही इस बार भी निर्देशक संजय गुप्त ऑडियंस के बीच एक सामाजिक मैसेज छोडऩे में काफी हद तक कामयाब रहे। संजय ने निर्देशन में फिल्म की हीरोइन पर ही ध्यान दिया है और कहानी में कहीं-कहीं पर लगता है कि उस पर होम वर्क सही से नहीं किया गया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि उन्होंने यह प्रूव कर दिखाया है कि इंडस्ट्री में आज भी क्राइम-थ्रिलर का तड़का पसंद किया जाता है, बस जरूरत होती है तो सिर्फ एक मजबूत कहानी की। खैर, उन्होंने इसमें थ्रिलर का दबरदस्त तड़का तो जरूर लगाया है, लेकिन कहीं-कहीं पर वे थोड़ा असफल से रहे। इस क्राइम फिल्म में संजय ने वाकई में कुछ अलग कर दिखाने का पूरा प्रयास किया है, इसीलिए वे ऑडियंस की वाहवाही बटोरने में सफल रहे। शुरुआती दौर में तो फिल्म की कहानी ऑडियंस को बांधे भी रखती है, लेकिन कुछ देर बाद स्क्रिप्ट कुछ इस तरह से डगमगाती है कि दर्शक खुद को फिल्म से रिलेट नहीं कर सके। वैसे उन्होंने इससे यह तो जरूर प्रूव कर दिखाया है कि बॉलीवुड के प्रेमी आज भी एक गजब की क्राइम-थ्रिलर कहानी के कायल हैं। बहरहाल, “यहां सभी का तकिया कलाम है, हजार के नोट पर गांधी का सलाम है…” और “मां मां होती है और आज तुम्हारा केस भी एक मां लड़ रही है।…”, “रोकड़ा रोकड़े को खींचता है…” जैसे कई डायलॉग्स कालिब-ए-तारीफ रहे, लेकिन अगर टेक्नोलॉजी और कॉमर्शियल अंदाज को छोड़ दिया जाए तो इस सिनेमेटोग्राफी कुछ खास नहीं रही।



क्यों देखें :
ऐश्वर्या राय बच्चन के चाहने वाले और एक नई तरह की क्राइम-थ्रिलर का लुत्फ लेने के लिहाज से आप सिनेमाघरों की आरे रुख कर सकते हैं। लेकिन फुल एंटरटेनमेंट के लिहाज से जाने के लिए आपको थोड़ा सोचना पड़ सकता है। रही बात पॉकेट की तो वह आपकी दिली तमन्ना…!

बैनर : एस्सेलविजन प्रोडक्शंस लिमिटेड, व्हाइट फेदर फिल्म्स, विकिंग मीडिया और एंटरटेनमेंट प्रा. लि.
निर्माता : संजय गुप्ता, आकाश चावला, नितिन केनी, सचिन जोशी, रैना सचिन जोशी, अनुराधा गुप्ता
निर्देशक : संजय गुप्ता
जोनर : क्राइम, थ्रिलर
छायांकन : समीर आर्य
स्टारकास्ट : ऐश्वर्या राय बच्चचन, इरफान खान, शबाना आजमी, चंदन रॉय सान्याल, जैकी श्रॉफ, अतुल कुलकर्णी, अभिमन्यु शेखर सिंह, प्रिया बनर्जी


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