फिल्म : ‘बार-बार देखो’
डायरेक्टर: नित्या मेहरा
स्टार कास्ट: सिद्धार्थ मल्होत्रा, कटरीना कैफ, राम कपूर, सारिका, सयानी गुप्ता
रेटिंग: 2.5 स्टार
सिद्धार्थ मल्होत्रा और कैटरीना कैफ अभिनीत फिल्म बार बार देखो शुक्रवार को रिलीज हो गई। यह एक मसाला फिल्म है। कहानी समझ से परे है, लेकिन फिल्म में वो हर चीज डाली गई है, जो दर्शकों आकर्षित करती है। फिल्म के केंद्र में प्यार है। फिल्म की डायरेक्टर नित्या मेहरा ने ने एक ओर जहां जिंदगी में प्यार की अहमियत को दर्शाया है, तो दूसरे फ्रेम में जिंदगी में तालमेल बनाए रखने की बात भी बखूबी कही है। तो आइए, फिल्म के कुछ अहम पहलुओं पर नजर डालते हैं…
कहानी…
कहानी की शुरुआत होती है जय वर्मा (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और दिया (कैटरीना कैफ) की लव स्टोरी के साथ, जो एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का फैसला करते हैं। एक ओर जहां दीया प्यार की जरूरत और उसके महत्तव को समझती है, वहीं जय इस बात को नहीं समझ पाता। एक पंडित उसे यह बात समझाने का ऐसा तरीका ढूंढ़ता है, जो अपने आप में बेहद इंटरेस्टिंग होता है। जय अपनी जिंदगी में प्यार की अहमियत को समझने के लिए कई उतार-चढ़ावों से गुजरता है। यह पूरी फिल्म इसी कहानी के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। फिल्म की कहानी में उतना दम नहीं है, जो दर्शकों दर्शकों के दिलो-दिमाग पर छा जाए। आपने टाइम ट्रैवल के बारे में तो सुना ही होगा। बस ये कहानी भी उसी कांसेप्ट पर बेस्ड है। कहानी का हीरो जय वर्मा अपने भविष्य में जाकर अपने वर्तमान का महत्व समझता है। फिल्म की कहानी एक रोमांटिक लव स्टोरी की तरह है, जो दर्शकों के लिए कई मैसेजेस लेकर आती है।
अभिनय…
फिल्म में कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा ने काफी अच्छा काम किया है। पिछली फिल्मों की तुलना में इस फिल्म में कैटरीना ने अच्छा अभिनय किया है। यही बात सिद्धार्थ के लिए भी कही जा सकती है। दोनों स्टार्स ने अपने किरदार के साथ बखूबी न्याय किया है और अपने अभिनय के दम पर कहानी को समझाने की कोशिश की है। दोनों की केमेस्ट्रिी अच्छी है। देखने के बाद लगता ही नहीं कि ये दोनों एक्टर पहली बार एक साथ काम कर रहे हैं।
डायरेक्शन…
फिल्म का डायरेक्शन कुछ हद तक अच्छा है। यह नित्या का ही कमाल है कि उन्होंने फस्र्ट हॉफ तक अपने डायरेक्शन से फिल्म को उबाऊ नहीं बनने दिया। लेकिन दूसरे हॉफ में उनकी पकड़ ढीली नजर आने लगती है।
कमजोर पहलू…
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है, ‘आज, कल और आने वाले कल’ वाला कंसेप्ट अच्छा था, लेकिन स्क्रीनप्ले बेहद कमजोर है, खास तौर से इंटरवल के बाद फिल्म उबाऊ लगने लगती है।
गीत-संगीत
काला चश्मा गाने को छोड़कर बाकी संगीत औसत दर्जे का है।
क्यों देखें…?
सिद्धार्थ मल्होत्रा या कटरीना कैफ के फैन के लिए यह मनोरंजक लगेगी। चूंकि फिल्म का नाम बार बार देखो है, तो हम यही कहेंगे कि इसमें ऐसा कुछ खास नहीं,जो असरदार हो…।