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मूवी रिव्यू, परमाणु: परीक्षण सफल, जबरदस्त विस्फोट

Published: May 25, 2018 03:10:53 pm

Submitted by:

Mahendra Yadav

जॉन ने इंटेंस कैरेक्टर में शानदार परफॉर्मेंस दी है। वह किरदार में पूरी तरह रम गए हैं।

Parmanu

Parmanu

आर्यन शर्मा
डायरेक्शन : अभिषेक शर्मा
राइटर : सैविन क्वाड्रास, संयुक्ता चाावला शेख, अभिषेक शर्मा
म्यूजिक: सचिन-जिगर,जीत गांगुली
सिनेमैटोग्राफर: असीम मिश्रा, जुबिन मिस्त्री

स्टार कास्ट
जॉन अब्राहम , डायना पेंटी , बोमन ईरानी , दर्शन पांड्या, अनुजा साठे, विकास कुमार, योगेन्द्र टिक्कू
‘हीरो वर्दी से नहीं इरादे से बनते हैं’ पंक्ति को चरितार्थ करती है निर्देशक अभिषेक शर्मा की फिल्म ‘परमाणु : द स्टोरी ऑफ पोखरण’। सत्य घटना पर आधारित जॉन अब्राहम अभिनीत यह फिल्म उन हीरोज के हौसले को सैल्यूट करती है, जिन्होंने विषम परिस्थितियों के बावजूद १९९८ में राजस्थान के पोखरण में न्यूक्लियर बम टेस्ट को सफल बनाया। फिल्म में उस ऐतिहासिक उपलब्धि को इतनी रोचकता के साथ प्रजेंट किया है, जिसे देखकर देश के प्रति गर्व के जज्बात जागृत होते हैं।
स्क्रिप्ट:
1995 में चीन के परमाणु परीक्षण को लेकर पीएम ऑफिस में चल रही बातचीत के दौरान यंग ऑफिसर अश्वत रैना (जॉन अब्राहम) भारत को भी न्यूक्लियर पावर बनने की दिशा में कदम उठाने की सलाह देता है। भारत भी परमाणु परीक्षण की तैयारी करता है, पर अमरीका की दखल के कारण सफल नहीं हो पाता। अश्वत को बर्खास्त कर दिया जाता है। तीन साल बाद पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हिमांशु शुक्ला (बोमन ईरानी) अश्वत को बुलाकर परमाणु परीक्षण पर बात करते हैं। इसके बाद अश्वत अपनी टीम बनाता है।
 

मूवी रिव्यू, परमाणु: परीक्षण सफल, जबरदस्त विस्फोट
एक्टिंग:
जॉन ने इंटेंस कैरेक्टर में शानदार परफॉर्मेंस दी है। वह किरदार में पूरी तरह रम गए हैं। वहीं, डायना पेंटी ने अपना काम बखूबी किया है। अश्वत की पत्नी सुषमा के रोल में अनुजा साठे परफेक्ट हैं। बोमन ईरानी एक बार फिर जबरदस्त अंदाज में नजर आए हैं। सपोर्टिंग कास्ट में विकास कुमार, योगेन्द्र टिक्कू, दर्शन पांड्या, आदित्य हितकारी और अजय शंकर ने भी अच्छी अदाकारी दिखाई है।
मूवी रिव्यू, परमाणु: परीक्षण सफल, जबरदस्त विस्फोट
डायरेक्शन:
अभिषेक शर्मा का निर्देशन बढिय़ा है। फिल्म में उस दौर के फुटेज को भी बड़े ही आकर्षक ढंग से इस्तेमाल किया गया है। स्क्रीनप्ले एंगेजिंग है, जिसे सैविन, संयुक्ता चावला और अभिषेक ने अपनी क्रिएटिविटी से निखारा है। फिल्म देखते समय देशप्रेम की भावना चरम पर महसूस होती है। गीत-संगीत कहानी की डिमांड के अनुसार है। सिनेमैटोग्राफी और लोकेशंस अट्रैक्टिव हैं।
क्यों देखें:
मूवी में जटिल विषय को सरलता के साथ मनोरंजक ढंग से प्रजेंट किया गया है। ‘परमाणु’ के सफल परीक्षण का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यह पूरे समय कौतुहल बनाए रखती है। लिहाजा पोखरण की उत्कृष्ट गाथा ‘परमाणु’ जरूर देखें।
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