script“मोशन और इमोशंस” का जबरदस्त तड़का है “पीकू” | Movie Review : Piku | Patrika News

“मोशन और इमोशंस” का जबरदस्त तड़का है “पीकू”

Published: May 08, 2015 12:13:00 pm

बेहद ही सादगी के साथ शूजीत सरकार ने “पीकू”
को रचा है और ये सादगी ही इसका सबसे स्ट्रॉन्ग प्वाइंट है

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जयपुर। बॉलीवुड में जहां ज्यादातर एक्शन, रोमांस, इंटीमेसी और मसाले को लेकर फिल्म बनाई जाती है, वहीं शूजीत सरकार की बिल्कुल डिफरेंट फिल्म “पीकू” एक नई ताजगी का अहसास दिलाती है। आज सिल्वर स्क्रीन पर अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, इरफान खान अपनी अमेजिंग कैमेस्ट्री के साथ हाजिर हैं। पिता और युवा बेटी के रिश्ते को दर्शाती ये फिल्म कई मायनों में आज की सामान्य फैमिलीज से जुड़ी है। जिसमें पैरेंट्स और उनके इकलौते बच्चे की कहानी छिपी है। बेहद ही सादगी के साथ शूजीत सरकार ने इस फिल्म को रचा है और ये सादगी ही इसका सबसे स्ट्रॉन्ग प्वाइंट है।

स्टोरी :
ये फिल्म दिल्ली में रहने वाली एक बंगाली आर्किटेक्ट पीकू बनर्जी (दीपिका पादुकोण) और उसके 70 साल के पिता भास्कर बनर्जी (अमिताभ बच्चन) के रिश्ते की कहानी है। भास्कर कब्ज की समस्या से परेशान है जो असल में उनके पेट में नहीं दिमाग में है, क्योंकि उनके सारे इमोशंस मोशन से जुड़े हैं। वे अपनी बीमारी का बहाना बनाकर हमेशा पीकू का अटेंशन पाना चाहते हैं। दिल्ली से कोलकाता की रोड ट्रिप में पीकू और कैब कंपनी के मालिक राणा चौधरी (इरफान खान) एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं, लेकिन दोनों का रिश्ता अमिताभ पर निर्भर करता है। क्या पीकू और राणा एक-दूसरे के हो पाते हैं, क्या राणा, पीकू के साथ उसके पिता की भी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है, दोनों की लव स्टोरी और पीकू व उसके पिता का क्या होता है, ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

परफोर्मेस :
दीपिका और अमिताभ इससे पहले “आरक्षण” में भी पिता और बेटी का किरदार निभा चुके हैं, लेकिन इस बार ये जोड़ी बिल्कुल अलग है। यहां दीपिका को अमिताभ की एक बच्चे की तरह केयर करनी पड़ती है। फिल्म को बहुत ही लाइट मूड में दिखाया गया, जहां हल्के और अच्छे जोक्स हैं, जिसे आप अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं। इरफान खान राणा के किरदार में खूब फबे हैं, साथ ही उनका ये रोमांटिक अवतार भी उनके फैंस के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है। दीपिका और इरफान की जोड़ी पहली बार बड़े पर्दे पर दिखी है, लेकिन उनकी कैमेस्ट्री जबरदस्त है। इस फिल्म से लंबे समय बाद मौसमी चटर्जी ने वापसी की है, जो कुछ ही वक्त पर्दे पर दिखी लेकि न जता गई कि क्यों उन्हें आज भी याद रखा जाता है।

ऑवरऑल :
शूजीत सरकार ने बॉलीवुड की 3 मोस्ट टैलेंटेड पर्सनैलिटीज को अपनी फिल्म के लिए चुना। जहां पहले शूजीत स्पर्म डोनेशन जैसे बोल्ड सब्जेक्ट पर बनी “विक्की डोनर” जैसी फिल्म लेकर आए थे, वहीं इस बार वे एक ऎसी फिल्म लाए हैं, जिसे आप अपनी पूरी फैमिली के साथ बिना किसी हिचक के देख सकते हैं। “पीकू” को शूजीत ने रीयल दर्शाने में काफी मेहनत की है, लेकिन इसके चलते फिल्म काफी प्रिडिक्टेबल हो गई। कहीं-कहीं फिल्म की गति भी थोड़ी धीमी लगी। लेकिन ये बहुत छोटी क मियां है, जिसे नजरअंदाज किया जा सकता है। इस वीकेंड दीपिका, अमिताभ और इरफान की “पीकू” आपके पूरे वीक की थकान उतार सकती है। “पीकू” जैसी फिल्में काफी कम बनती है, इसलिए इसे एक बार देखना तो बनता ही है। तो आप भी अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ जाइए और अपनी टेंशंस को भूल इस फिल्म का मजा लीजिए।

निर्देशक :
शूजीत सरकार

कलाकार : दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन, इरफान खान
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