scriptमूवी रिव्यूः ड्रामा और कॉमेडी का ओवरडोज है “वेलकम बैक” | Movie Review: Welcome Back | Patrika News
मूवी रिव्यू

मूवी रिव्यूः ड्रामा और कॉमेडी का ओवरडोज है “वेलकम बैक”

अनीस बज्मी ने अपनी पुरानी फिल्म की तरह ही इस फिल्म में भी कॉमेडी का गजब तड़का लगाया
है

Sep 04, 2015 / 09:41 am

दिव्या सिंघल

welcome back

welcome back

रेटिंग: ** स्टार
रोहित तिवारी/ मुंबई ब्यूरो। बॉलीवुड इंडस्ट्री को पहले “वेलकम”, “नो एंट्री”, “सिंह इज किंग” जैसी कॉमेडी फिल्में दे चुके निर्देशक अनीस बज्मी अब अपने चाहने वालों के बीच “वेलकम बैक” लेकर आए हैं। उन्होंने अपनी पुरानी फिल्म की तरह ही इस फिल्म में भी कॉमेडी का गजब तड़का लगाया है। इसके अलावा उन्होंने “वेलकम बैक” के जरिए ऑडियंस को कॉमेडी के साथ हंसाने का दमदार प्रयास किया है।

कहानी:
फिल्म दुबई के एक आलीशान होटल से शुरू होती है और इंट्रोडक्शन वही “वेलकम” का। दोनों ही दुबई में एक शरीफ और ईमानदारी की जिंदगी जीने की कोशिश में जुटे रहते हैं। फिर मजनू भाई (अनिल कपूर) और उदय भाई (नाना पाटेकर) दोनों की एंट्री होती है। अब शुरू होता है सिलसिला वही पुरानी फिल्म “वेलकम” को आगे बढ़ाने का। दोनों का वही पुराना रोना… अभी तक शादी नहीं हुई। अब उसी होटल में एंट्री होती है बबिता (राजकुमारी, अंकिता श्रीवास्तव) की, जिसके हुस्न के दीवाने मजनू और उदय भाई दोनों हो जाते हैं। बता दें कि बबिता नजफगढ़ की महारानी, पूनम बोले तो (डिंपल कपाडिय़ा) की बेटी होती है। अब शुरू होती है कहानी उसी पुराने ढर्रे पर… मजनू और उदय को नजफनगढ़ की महारानी की बेटी राजकुमारी से एक तरफा प्यार हो जाता है, जबकि वे दोनों ही फर्जी हैं। फिर एक दिन उदय के तीसरे पिता की बेटी, यानी नाना की बहन रंजना (श्रुति हसन) की शादी कराने की बारी आती है। उसी पुराने अंदाज में दोनों भाई शरीफ घराने के लड़के की तलाश में जुट जाते हैं, तो उनकी मुलाकात डॉ. घुंघरू (परेश रावल) और उनकी पत्नी से होती है। बता दें कि सुप्रिया कार्णिक ही डॉ. घुंघरू से बताती है कि उसकी एक संतान है अज्जू भाई (जॉन अब्राहम), जो इंडिया में रहता है। अब दोनों भाई अपनी बहन रंजना की की शादी कराने के चक्कर में घुंघरू के पीछे पड़ जाते हैं। सभी शरीफ और अमीर घराने के होने का गजब नाटक पेश करते हैं। फिर बाद में पता चलता है कि अज्जू आज भी गुंडा होता है, जबकि दोनों भाई शरीफ बन चुके होते हैं और साथ ही शरीफ भाईयों के हमदर्द और बॉस वॉनटेड भाई (नसीरुद्दीन शाह) के बेटे हनी (शाइनी अहूजा) को पता चलता है कि उसे दोनों भाईयों की बहन रंजना से बेसुमार प्यार करता है। इसी के साथ फिल्म की कहानी तरह-तरह के मोड़ लेते हुए आगे बढ़ती है।



अभिनय:
इस फिल्म में जॉन अब्राहम, अनिल कपूर और नाना पाटेकर का गजब तालमेल दिखाई दिया। तीनों एक्टर्स ने अपने अभिनय से ऑडियंस का दिल जीतने में काफी हद तक सफल रहे। साथ ही नाना पाटेनर अपने किरदार के तह तक जाते नजर आए, इसलिए वे एक बार फिर दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे, लेकिन कहीं-कहीं पर तीनों स्टार्स अपनी पुरानी फिल्म के लहजे में ही नजुर आए। श्रुति हसन ने भी गजब का अभिनय किया। नसीरुद्दीन शाह और परेश रावल ने अपने सफल अभिनय से एक बार फिर खुद को प्रूफ कर दिखाया है कि वाकई में उनके चाहने वाले उन्हें ऐसे ही पसंद नहीं करते हैं। सुप्रिया कर्णिक, डिंपल कपाडिय़ा समेत आदि इरानी और स्नेहल धाबी ने भी अभिनय में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। साथ ही मुश्ताक खान, शाइनी अहूजा, हैरी जोश, नीरज वोरा, जावेद रिजवी सहित अंकिता श्रीवास्तव ने भी अपने-अपने किरदार में शत-प्रतिशत देने की भरपूर कोशिश की, लेकिन कहीं-कहीं पर जावेद रिजवी और शाइनी अहूजा का ओवरडोज अभिनय दर्शकों को खला है। इसके अलावा सारा लेरेन और सुरवीन चावला ने अपने आइटम नंबर से ऑडियंस को आकर्षित करने में कामयाब रहीं।



निर्देशन:
अनीस बज्मी ने इस फिल्म में एक बार फिर खुद को साबित करने की कोशिश की, लेकिन उनके निर्देशन में कॉमेडी का डबल डोज भी लोगों की चर्चा का विषय बना रहा। खैर, उन्होंने लोगों के सामने यह साबित करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी कि फिल्म में एक अच्छी स्क्रिप्ट की जरूरत होती है। खैर, उन्होंने इसमें कॉमेडी का ओवरडोज और दबरदस्त तड़का तो जरूर लगाया है, लेकिन कहीं-कहीं पर वे थोड़ा असफल से नजर आए। इस कॉमेडी फिल्म में अनीस ने वाकई में कुछ अलग कर दिखाने का भरसक प्रयास किया है, इसीलिए वे ऑडियंस की वाहवाही बटोरने में सफल रहे। भले ही कहीं-कहीं पर इनकी स्क्रिप्ट लीक से थोड़ा इधर-उधर जाती दिखी, लेकिन इसकी कहानी ने ऑडियंस बांधे रखती है। बहरहाल, ‘यहां बच्चे भूखे बैठे हैं और वहां बाप 3-3 बार लंच कर चुका…” और “जब मैंने चुनाव में वोट डाला ही नहीं तो मुख्यमंत्री मेरा कैसे हो गया…” जैसे कई डायलॉग्स तारीफ के काबिल रहे, लेकिन अगर कॉमर्शियल और टेक्नोलॉजी के अंदाज को छोड़ दिया जाए तो इसकी सिनेमेटोग्राफी कुछ खास नहीं कर सकी। इसके अलावा फिल्म की कोरियोग्राफी कुछ हद तक तारीफ के लायक भी रही। संगीत (अनु मलिक, मीत ब्रॉस अंजन, यो यो हनी सिंह, सिद्धार्थ माधव, मिका सिंह, म्यूजिक एमजी. अभिषेक राय) तो ऑडियंस के ऊपर से जाता हुआ नजर आया और साथ ही गाने की तुलना में थोड़े और प्रयास की भी जरूरत सी दिखाई दी।



क्यों देखें:
कॉमेडी के गजब नाटकीय अंदाज को देखने के लिए आप सिनेमा घरों का रुख कर सकते हैं। परिवार के साथ भी इस फिल्म के डोज का मजा कुछ हद तक मजा लिया जा सकता है। इसके अलावा आपको अपनी जेब हल्की करने में भी कोई निराशा नहीं होगी, आगे मर्जी आपकी…!

बैनर: स्विज इंटरटेंमेंट प्रा. लि., इरोज इंटरनेशनल और बेस इंडस्ट्रीज ग्रुप
निर्माता: फिरोज नाडियाडवाला और सुनील ए लुल्ला
निदेशक: अनीस बज्मी
जोनर: कॉमेडी
गीतकार: मीत ब्रॉस अंजन, शिप्रा गोयल, अंब्रेश, वेद, आशीष, रुचिर, बिपिन, अनु मलिक, शादाब सबरी, ममता शर्मा, मिका सिंह, गीता झाला, सिद्धार्थ माधव, पवनी ए पांडेय आदि।
संगीत: अनु मलिक, मीत ब्रॉस अंजन, यो यो हनी सिंह, सिद्धार्थ माधव, मिका सिंह, म्यूजिक एमजी. अभिषेक राय।
एक्शन : अब्बास अली मोघुल
स्टारकास्ट: जॉन अब्राहम, अनिल कपूर, नाना पाटेकर, श्रुति हसन, परेश रावल, सुप्रिया कर्णिक, डिंपल कपाडिय़ा, नसीरुद्दीन शाह, आदि इरानी, मुश्ताक खान, स्नेहल धाबी, अंकिता श्रीवास्तव, सारा लोरेन, शाइनी अहूजा, हैरी जोश, नीरज वोरा, सुरवीन चावला, जावेद रिजवी।


Home / Entertainment / Movie Review / मूवी रिव्यूः ड्रामा और कॉमेडी का ओवरडोज है “वेलकम बैक”

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो