‘द जोया फैक्टर’ की कहानी
‘द जोया फैक्टर (The Zoya Factor Movie Review) की कहानी जोया सोलंकी यानी सोनम कपूर की है। जिस दिन जोया जन्म लेती है, उसी दिन भारत 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत जाता है। इसके बाद से उसके पापा यानि संजय कपूर के लिए जोया लकी हो जाती है। जोया पापा-भाई के मैचों में उनका लक बन जाती है। जोया सबके लिए लकी है, लेकिन खुद के लिए उसका लक काम नहीं करता है। वह एक ऐड एजेंसी में काम करती है, जहां उसे अक्सर डांट पड़ती है, और उसका बॉयफ्रेंड भी ब्रेकअप कर लेता है। लेकिन एक दिन उसकी जिंदगी में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान निखिल खोड़ा यानी दुलकर सलमान आता है। जोया एक एसाइनमेंट पर जाती है, और हार से जूझ रही भारतीय टीम से मिलती है। जोया अपने लक के बारे में बताती है और इत्तेफाक से जिस दिन वो उनके साथ ब्रेकफास्ट करती है तो टीम इंडिया जीत जाती है। लेकिन निखिल लक नहीं, कर्म में यकीन करता है। बस यही टकराव दोनों के इश्क और जिंदगी में कई तूफान ला देता है।
‘द जोया फैक्टर’ की कहानी बहुत ही सिंपल है। सोनम कपूर कहीं-कहीं ओवर एक्टिंग करती हुई लगती हैं। फिल्म सोनम की बाकी फिल्मों जैसी ही है। बात करें दुलकर सलमान की तो वो इस मूवी की जान कहे जा सकते हैं। उनकी एक्टिंग शानदार है। उनकी लुक्स और एक्टिंग दर्शकों को फिल्म की एडिंग तक रोक सकती है। संजय कपूर, अंगद बेदी और मनु ऋषि ने अच्छी एक्टिंग की है। कुलमिलाकर फिल्म यह संदेश देती है कि सफलता मेहनत से ही मिलती है।