मनोज कुमार का जादू उन दिनों कुछ इस कदर छाया था कि युवतियां कहीं उनसे शादी के सपने भी संजोने थी
जबलपुर। बॉलीवुड के जाने माने अदाकार मनोज कुमार को दादा साहेब फालके अवॉर्ड से नवाज़ा जाएगा। सिनेजगत में भरत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार को साल 2015 का दादा साहब फालके अवॉर्ड दिया जाएगा। 24 जुलाई 1937 को एल्टलाबाद पाकिस्तान में जन्में मनोज कुमार अदाकार होने के साथ-साथ निमार्ता और निर्देशक भी हैं।
मनोज कुमार की स्टाइल आज भी युवा फॉलो करते हैं। उनके डायलॉग बोलने के अंदाज ने युवतियों को ही नहीं हजारों करोड़ों युवाओं को भी अपना दिवाना बना लिया था। मनोज कुमार की स्टाइल, कपड़े पहनने का तरीका, गले में डला रूमाल अब भी पसंद किया जाता है। सिनेमा के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखने वाले इस अभिनेता ने ज्यादातर देशभक्ति फिल्में कीं।
1967 में बनी फिल्म उपकार से देशप्रेम पर बनी फिल्मों की सफल शुरुआत के पश्चात, उन्होंने देशभक्ति की खुशबू में डूबी पूरब और पश्चिम, गुमनाम, शोर व क्रांति जैसी कई हिट फिल्में दीं। मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों के जरिए लोगों को देशभक्ति की भावना का गहराई से एहसास कराया, जिसने उन्हें हर दिल अजीज फिल्मकार बना दिया। इसी देशप्रेम की बदौलत उनके चाहने वाले उन्हें मिस्टर भारत या इंडस्ट्री का भरत कुमार कहकर पुकारा करते थे।
यूं तो मनोज कुमार की हर फिल्म यादगार रही परंतु उन्हें हरियाली और रास्ता, वो कौन थी?, हिमालय की गोद में, दो बदन, उपकार, पत्थर के सनम, नीलकमल, पूरब और पश्चिम, रोटी कपड़ा और मकान और क्रांति जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद मनोज ने फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने का निर्णय लिया। अपनी जवानी के दिनों में वे बॉलीवुड सुपरस्टार दिलीप कुमार से इतने प्रभावित थे कि शबनम (1949) फिल्म में दिलीप कुमार के नाम मनोज कुमार को हमेशा के लिए अपना लिया। अनेक सफल अभिनेताओं की तरह मनोज कुमार ने भी अपने शुरूआती दिनों में खासा संघर्ष किया।
क्रांति, नीलकमल में सहित अनेक फिल्मों के जरिए बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा चुके इस खूबसूरत अभिनेता से उस दौर में युवतियां खासी आकर्षक थीं। बताते हैं कि मनोज कुमार का जादू उन दिनों कुछ इस कदर छाया था कि युवतियां कहीं उनसे शादी के सपने भी संजोने थी कोई मनोज कुमार की तरह ही लाइफ पार्टनर चाहती थीं। मीडिया में ये किस्से आम हो गए थे। जो सिर्फ जबलपुर ही नहीं देश के बड़े-बड़े अखबारों में प्रकाशित किए जाते थे। मनोज कुमार की स्टाइल को अब भी शाहरूख खान, शाहिद कपूर जैसे बड़े अभिनेताओं के जरिए उनकी फिल्मों के किसी ना किसी सीन में देखने मिलता है।