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BJP के लिए नपा से नाराजगी बना खतरा, कई मुद्दों पर कांग्रेस की चुप्पी बनी कमजोरी

locationराजगढ़Published: Jul 02, 2022 11:58:24 am

– मतदाताओं को समझाने और रिझाने में दोनों दलों के छूट रहे पसीने, जनता की चुप्पी बढ़ा रही प्रत्याशियों की चिंता
– निकाय चुनाव-2022: प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले में चार दिन शेष
 

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राजगढ़ (ब्यावरा) । चार दिन बाद होने वाले निकाय चुनाव को लेकर दिन-रात एक कर मेहनत करने में जुटे पार्षद प्रत्याशियों के पसीने छूट रहे हैं। जनता को मनाने, समझाने और आश्वासन देने में उन्हें खासी मेहनत करना पड़ रही है।

दरअसल, इतने वर्षों से नगर पालिका से नाराजगी बीजेपी के लिए खतरा बनी हुई है। हर आदमी परिषद की नाकामी को ओव्हरऑल बीजेपी से जोड़कर देख रहा है। वहीं, मायने रखने वाले और जनता की आवाज बनकर सामने आने वाले मुद्दों पर चुप रही कांग्रेस के लिए भी यह बड़ी कमजोरी बनी हुई है।

इसी कारण दोनों दलों के प्रत्याशियों और बड़े नेताओं को इसमें पसीने छूट रहे हैं। उन्हें खासी चुनौती के साथ मैदान में उतरना पड़ रहा है। बीजेपी के सामने दिक्कत यह है कि वह जनता को क्या कहकर समझाए कि हम बेहतर कर देंगे और कांग्रेस की परेशानी यह है कि अभी तक जनता के बीच नहीं दिख पाने के कारण अब कैसे कहें कि आपके सुख-दुख के साथी हम बन जाएंगे।

कुल मिलाकर निकाय चुनाव ने जबरदस्त मेहनत दोनों दलों के नेताओं, पार्षद प्रत्याशियों से करा ली है। अभी भी जनता का रुख स्पष्ट नहीं हो पाया है न ही कोई कर पाया है। 6 तारीख को होने वाले मतदान के बाद ही यह स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा विपक्ष
बीजेपी से जितनी नाराजगी परिषद को लेकर है उतना ही गुस्सा कांग्रेस के प्रति भी जनता का है। समय रहते जनता की आवाज कांग्रेस नहीं बन पाई। मजबूत विपक्ष होने के बावजूद आवाज बनकर सामने कोई नहीं आया। ऐसे-ऐसे लोग भी वोट मांगने पहुंच रहे हं जो आम दिनों में नजर तक नहीं आए। लोगों की उम्मीदों पर विपक्ष के तौर पर खरी नहीं उतर पाने के कारण कांग्रेस से भी लोग खफा नजर आ रहे हैं। ऐसे में अभी कुछ भी कह पाना या पूर्वानुमान लगा पाना मुश्किल है।

हर मोर्चे पर नाकाम रही है ब्यावरा परिषद
पेयजल, सफाई व्यवस्था, सड़कों की दुर्दशा और शहर की बदहाली की जिम्मेदार नगर पालिका प्रबंधन हर मोर्चे पर नाकाम रही है। इसलिए शहरभर में इसे लेकर नाराजगी है। कुछ पुराने मुद्दे और कुछ वर्तमान की दिक्कतों को लेकर जनता में खासा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि शहर की दशा बिगाडऩे में जिम्मेदारों का ही रोल रहा है। जनता के लिए कुछ किया ही नहीं है। जो जिम्मेदार इतने सालों में लोगों को पानी तक नहीं समय पर दे पाए उनसे क्या ही उम्मीद की जा सकती है।
जनता चुप है, जवाब देगी
जनता चुप है इसका मतलब है उनका मौन विरोध है। यह बीजेपी को समझ लेना चाहिए। उनके काम को भी जनता जानती है और इतने वर्षों की परिषद को भी। जनता की चुप्पी ही जनता का जवाब है, जो कि इस चुनाव में देखने को मिलेगा।
– रामचंद्र दांगी, विधायक (कांग्रेस), ब्यावरा
नाराजगी दूर करेंगे
यह मानने योग्य बात है कि कुछ गलतियां हुई हैं, जनता यदि नाराज है तो उनकी नाराजगी दूर की जाएगी। इसमें कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। स्थानीय से लेकर ऊपर तक हम जी जान लगा देंगे और शहर की बेहतरी के लिए अच्छे से और अच्छा करेंगे।
– दिलवर यादव, जिलाध्यक्ष भाजपा
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