भगवान गणेश बुद्धि के दाता हैं और उनकी आराधना करना भी आसान है। भगवान गणेश ही एकमात्र हैं जिन्हें सभी देवताओं से पहले स्थान दिया गया है।
भोपाल। माता पावर्ती के प्रिय और सभी देवाओं में उच्च स्थान पर विराजे भगवान गणेश की पूजा से वह फल मिलता है, जिसके बल पर व्यक्ति तरक्की की सीढिय़ां चढ़ता जाता है। हिन्दू धर्म में गणेश जी को सभी पूजा में मांगलिक कार्यों में सभी शुभ उपक्ष्य में सबसे पहले पूजा जाता है।
गणेश जी की पूजा में कुछ बातो का ध्यान रखें। इस ब्लॉग में हम आपको हिन्दू धर्म, देवी देवताओं, के बारे में और उनसे जुडी जानकारी पूजा की विधि और भी कई नई जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
गणेश जी की पूजा में ये बाते जरूर ध्यान रखें
0 श्री गणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
0 तुलसी दल श्री गणेश को न चढ़ाएं।
0 जनेऊ न पहनने वाले केवल पुराण मंत्रों से श्री गणेश पूजन करें।
0 सुबह का समय श्री गणेश पूजा के लिए श्रेष्ठ है, किंतु सुबह, दोपहर और शाम तीनों ही वक्त श्री गणेश का पूजन करें।
0 यज्ञोपवीत यानी जनेऊ पहनने वाले वेद और पुराण दोनों मंत्रों से पूजा कर सकते हैं।
0 तुलसी को छोड़कर सभी तरह के फ ूल श्री गणेश को अर्पित किए जा सकते हैं।
0 सिंदूर, घी का दीप और मोदक भी पूजा में अपिज़्त करें।
0 तीनों समय पूजा कर पाना संभव न हो तो सुबह ही पूरे विधि- विधान से श्री गणेश की पूजा कर लें, वहीं दोपहर और शाम को मात्र फू ल अर्पित कर पूजा की सकती है।
ध्यान रखें ये बातें
0 घर में नीम की लकड़ी से निमिज़्त भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाए तो हर परेशानी स्वयं ही दूर हो जाती है। इसके और भी फायदे हैंए जो इस प्रकार हैं।
0 रोज नीम की लकड़ी से बनी गणेश प्रतिमा की धूप-दीप से पूजा करने से भगवान गणपति प्रसन्न होकर अपने भक्तों की
0 हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस प्रतिमा के स्थापित होने पर आपके घर में कोई संकट, कोई परेशानी नहीं आती।
0 इस प्रतिमा की रोज पूजा करने से शत्रु भी मित्र बन जाते हैं।
0 इस मूर्ति को घर में स्थापित करने से घर का वातावरण शुद्ध व सात्विक हो जाता है।
0 नीम की लकड़ी के गणेश जी को घर में स्थापित करने से घर में धनधान्य में वृद्धि होती है।
वास्तुदोष भी स्वत: ही दूर हो जाते हैं।