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JANMASHTAMI: जिस घर में यह 6 चीजें नहीं, वहां श्रीकृष्ण भी नहीं

Published: Aug 24, 2016 11:46:00 am

Submitted by:

Manish Gite

घर के मंदिर में यदि श्रीकृष्ण की मूर्ति तो यह चीजें भी घर में होना जरूरी है। mp.patrika.com जन्माष्टमी के मौके पर आपको बताने जा रहा है उनकी 6 प्रिय वस्तुओं को जो उनसे कभी अलग नहीं हुई।

janmashtami

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भगवान श्रीकृष्ण को प्रेम स्वरूप माना गया है। ग्रंथों में भी कहा गया है कि कृष्ण का व्यक्तित्व बहुत ही सम्मोहक है। पीलापीतांबर धारण करने वाले श्रीकृष्ण के मुकुट पर मोर पंख हमेशा रहता था। भगवान कृष्ण को 6 चीजों से बहुत अधिक लगाव था। पहली बांसुरी जो हमेशा उनके होंठों के ही करीब रहती थी। दूसरी गाय। तीसरी माखन मिश्री, चौथी चीज मोर पंख और पांचवी वस्तु कमल और छठी वस्तु वैजयंती माला। माना गया है कि जो भी भक्त भगवान श्रीकृष्ण को उनकी पसंद की इन वस्तुओं को समर्पित करता है, उसके घर में हमेशा सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है। 

राजधानी के पं. जगदीश शर्मा बता रहे हैं कि कान्हा की वह प्रिय वस्तुएं जो उनसे कभी अलग नहीं होती। आज भी ध्यान रखें और कान्हा की मूर्ति के साथ घर में उनकी प्रिय वस्तुओं को जरूर रखें आपकी किस्मत बदल जाएगी….।


1.बांसुरी/मुरली (Flute)


कान्हा को बचपन से ही बांसुरी बेहद प्रिय है। उन्हें यह क्यों पसंद है, इसके तीन प्रमुख कारण बताए जाते हैं। पहला बांसुरी एकदम सीधी होती है। उसमें किसी तरह की गांठ नहीं होती है, जो यह संकेत देती है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ नहीं रखना चाहिए। मन में बदले की भावना नहीं आने देना चाहिए। बगैर बजाए यह बजती भी नहीं। मानो बता रही है कि जब तक न कहा जाय तब तक नहीं बोलना चाहिए और तीसरा जब भी यह बजती है, तो मधुर ही बजती है। इसका अर्थ यह है कि जब भी बोलो, स्वच्छ और मीठा बोलो। इसलिए ऐसे गुणवाले व्यक्ति में हमेशा भगवान बसते हैं।

2. गौमाता/गाय (Cow)


गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। यह सभी गुणों से भरपूर होती है। गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी आदि पंचगव्य हैं। मान्यता है कि इनका सेवन करने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता। इसलिए घर के मंदिर में भगवान की मूर्ति के साथ गाय और बछड़ा भी रखना चाहिए।


3. मोरपंख (Morpankh) 


मोर का पंख बेहद खूबसूरत होता है। इसे सम्मोहन का प्रतीक भी माना गया है। मोर को चिर-ब्रह्मचर्य युक्त प्राणी माना गया है। इसलिए भगवान ने भी मोर पंख धारण किया। मोर-मुकुट का गहरा रंग दुख और कठिनाइयों का माना गया है, जबकि हल्का रंग सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक बताया गया है।


4. कमल का फूल (Kamal)


कीचड़ कमल में खिलता है और उससे ही पोषित होता है। इसलिए कमल पवित्रता का प्रतीक माना गया है। इसकी सुंदरता और सुगंध सभी का मन मोह लेती है। साथ ही कमल यह संदेश देता है कि हमें कैसा जीवन जीना है। सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन किस प्रकार जिया जा सकता है इसका सरल तरीका भी कमल को देखकर लगाया जा सकता है।


5. मिश्री और माखन (Mishri aur Makhan)


भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री बेहद पसंद है। मिश्री का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिला लिया जाता है तब उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है। उसके प्रत्येक हिस्से में मिश्री की मिठास समा जाती है। मिश्री युक्त माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है। यह बताता है कि प्रेम में किसी प्रकार से घुल मिल जाना चाहिए।

6. वैजयंती माला (Vaijayanti mala)

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भगवान श्रीकृष्ण के गले में हमेशा वैजयंती माला होती, जो कमल के बीजों से ही बनी होती है। कमल के बीज सख्त होने के साथ-साथ कभी टूटते नहीं हैं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं। इसका मतलब यह है कि जब तक जीवन रहे, तब तक हमेशा ऐसे ही प्रसन्नचित्त रहना चाहिए। दूसरा यह माला बीज है, जिसकी मंजिल भूमि होती है। भगवान कहते हैं जमीन से जुड़़े रहो। कितने भी बड़े क्यों न हो जाओ। हमेशा अपने अस्तित्व से दूर न हों।
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