सोमवती अमास्या 4 जून सोमवार के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए नर्मदा तटों पर पहुंचे।
जबलपुर। सोमवती अमास्या 4 जून सोमवार के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए नर्मदा तटों पर पहुंचे। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने पूजन पाठ के साथ ही भंवरी भी लगाई। जिसका सोमवती अमावस्या के दिन सर्वाधिक महत्व है। इस व्रत को करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ती होती है।
सोमवती अमावस्या के दिन 108 वस्तुओं कि भंवरी देकर सोना धोबिन और गौरी-गणेश का पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पहली सोमवती अमावस्या के दिन धान, पान, हल्दी, सिंदूर और सुपाड़ी की भंवरी दी जाती है। उसके बाद की सोमवती अमावस्या को अपने समथ्र्य के हिसाब से फल, मिठाई, सुहाग सामग्री, खाने की सामग्री इत्यादि की भंवरी दी जाती है। इसे लेकर एक कथा भी प्रचलित है जिसे महिलाएं पूजन के दौरान सुनाती हैं।
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यहां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली नदी नर्मदा के अनेक तट जबलपुर व आसपास के क्षेत्रों में हैं, जहां हर त्योहार पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। विभिन्न शुभ अवसरों पर इन तटों का माहौल अति आकर्षक नजर आता है। ग्वारीघाट स्थित मां नर्मदा का मंदिर भी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है।