खंडवा. समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर खंडवा, भंडारी पब्लिक स्कूल खंडवा के विद्यार्थी वासंतिक समूह नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर खंडवा, भंडारी पब्लिक स्कूल खंडवा के विद्यार्थी वासंतिक समूह नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
माधुरी कोड़पे ने नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ऋतु वसंत आयो गीत पर सामूहिक नृत्य हुआ। जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया मधुर सी बंसी बजावत है भजन के स्वर और नृत्य ने दर्शकों को ठहरा दिया। रात 10.15 बजे समारोह में आखिरी प्रस्तुति बज की लट्ट मार और फूलों की होली हुई।
माधुरी कोड़पे ने नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ऋतु वसंत आयो गीत पर सामूहिक नृत्य हुआ। जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया मधुर सी बंसी बजावत है भजन के स्वर और नृत्य ने दर्शकों को ठहरा दिया। रात 10.15 बजे समारोह में आखिरी प्रस्तुति बज की लट्ट मार और फूलों की होली हुई।
समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर खंडवा, भंडारी पब्लिक स्कूल खंडवा के विद्यार्थी वासंतिक समूह नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
माधुरी कोड़पे ने नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ऋतु वसंत आयो गीत पर सामूहिक नृत्य हुआ। जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया मधुर सी बंसी बजावत है भजन के स्वर और नृत्य ने दर्शकों को ठहरा दिया। रात 10.15 बजे समारोह में आखिरी प्रस्तुति बज की लट्ट मार और फूलों की होली हुई।
समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर खंडवा, भंडारी पब्लिक स्कूल खंडवा के विद्यार्थी वासंतिक समूह नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
माधुरी कोड़पे ने नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ऋतु वसंत आयो गीत पर सामूहिक नृत्य हुआ। जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया मधुर सी बंसी बजावत है भजन के स्वर और नृत्य ने दर्शकों को ठहरा दिया। रात 10.15 बजे समारोह में आखिरी प्रस्तुति बज की लट्ट मार और फूलों की होली हुई।
माधुरी कोड़पे ने नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ऋतु वसंत आयो गीत पर सामूहिक नृत्य हुआ। जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया मधुर सी बंसी बजावत है भजन के स्वर और नृत्य ने दर्शकों को ठहरा दिया। रात 10.15 बजे समारोह में आखिरी प्रस्तुति बज की लट्ट मार और फूलों की होली हुई।