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तभी काम में दीखे दम जब होवे जेब गरम

locationमुंबईPublished: Dec 09, 2021 11:47:51 pm

Submitted by:

arun Kumar

Bribery in india – देश में बिना घूस टस से मस नहीं होती फाइल- काम के लिए देश में हर दूसरा घूस देने को मजबूर- राजस्थान रिश्वतखोरी में आगे, बिहार दूसरे तो उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर- पुलिस विभाग को सबसे भ्रष्ट मानती है जनता

तभी काम में दीखे दम जब होवे जेब गरम

तभी काम में दीखे दम जब होवे जेब गरम

अरुण कुमार
जयपुर. पूरे देश में जिस तरह से घूसखोर अधिकारी-कर्मचारी व नेता एंटी करप्शन ब्यूरो के शिकंजे में फंस रहे है, उससे लगता है कि भ्रष्टाचार चरम पर है। रिश्वत के बिना कुछ भी काम संभव नहीं। एक तरह से रिश्वतखोरी देश का सर्वमान्य धर्म बन गया है, जिसका पालन देश के अधिकांश लोग पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। यही वजह है कि रिश्वतखोरी के आधार पर बनाए गए भ्रष्ट देशों की सूची में भारत सबसे ऊपर है, जहां हर दूसरे व्यक्ति ने रिश्वत देने की बात मानी है। ट्रैस रिश्वत जोखिम मैट्रिक्स 2021 की हालिया रिपोर्ट में भारत 82वें स्थान पहुंच गया है। 2020 में यह 77वें स्थान पर था। भारत में 74 फीसदी का कहना है कि पिछले 3 सालों में रिश्वतखोरी बढ़ी है, जबकि दुनिया में यह बात स्वीकार करने वालों की संख्या 60 प्रतिशत है। इंडिया करेप्शन सर्वे के अनुसार घूसखोरी में राजस्थान सबसे आगे, बिहार दूसरे तो उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
वाशिंगटन की संस्था ग्लोबल फाईनेंशियल इंटिग्रिटी के अनुसार भारत में आजादी से लेकर अब तक रिश्वत ने 450 अरब डॉलर का नुकसान कया है। पिछले साल भारत में काम करवाने के लिए 54 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी, जबकि पूरी दुनिया की चौथाई आबादी घूस देने को मजबूर है।

जब उच्चतम न्यायालय ने कसा तंज
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में सुनवाई के दौरान कहा कि बेहतर होगा कि राज्य सरकारें रिश्वतखोरी को वैध कर दें, ताकि लोग एक निश्चित राशि देकर सरकारी विभागों में अपना काम करा सकें। इससे हर व्यक्ति को पता रहेगा कि किस काम के लिए कितनी रिश्वत देनी है

देश में सबसे ऊंची रिश्वत की दर
भारत में 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए रिश्वत देनी पड़ी। ये एशिया में सबसे ऊंची रिश्वत की दर है. नेपाल में यह दर 12 प्रतिशत, बांग्लादेश में 24, चीन में 28 और जापान में दो प्रतिशत पाई गई.

पुलिस को सबसे ज्यादा रिश्वत
लोगों ने माना कि पुलिस, अदालत, सरकारी अस्पताल, पहचान पत्र, बिजली और पानी जैसी सेवाएं बिना घूस के नहीं मिलतीं। काम के बदले 42 प्रतिशत लोगों ने पुलिस को रिश्वत दी। पहचान पत्र और अन्य सरकारी कागजात लेने के लिए 41 प्रतिशत लोगों को रिश्वत देनी पड़ी।

सेवा के बदले सेक्स
पहली बार सर्वेक्षण में सरकारी अधिकारियों द्वारा सेवा के बदले सेक्स मांगने को भी शामिल किया है। भारत में इसकी दर 11 प्रतिशत है। 18 प्रतिशत की दर के साथ इंडोनेशिया सबसे ऊपर है। श्रीलंका में यह दर 17 प्रतिशत है पाई गई और थाईलैंड में 15 प्रतिशत।

नोट के बदले वोट
एशिया में बड़ी मात्रा में रिश्वत लेकर वोट देने की बात भी लोगों ने मानी है. 18 प्रतिशत की दर के साथ भारत इसमें चौथे नंबर पर है. सबसे ऊपर हैं थाईलैंड और फिलीपींस, 28 प्रतिशत दर के साथ. 26 प्रतिशत की दर के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है।

सरकार से उठा विश्वास
भ्रष्टाचार की वजह से सरकार की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ता है। भारत में 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें सरकार पर या तो कम विश्वास है या बिल्कुल विश्वास नहीं है. जापान में ऐसा 56 प्रतिशत लोगों ने कहा।

खामियाजा भुगतने का डर
देश में 63 प्रतिशत लोगों को लगता है कि अगर उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंह खोला तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बांग्लादेश में भी 63 प्रतिशत लोग ऐसा ही महसूस करते हैं।

टै्रस रिश्वत जोखिम मैट्रिक्स 2021
रैंक देश
1 डेनमार्क
2 नॉर्वे
3 स्वीडन
82 भारत
192 इरिट्रिया
193 तुर्कमेनिस्तान
194 उत्तर कोरिया

काम के बदले कितनी रिश्वत
राज्य रिश्वत दी (प्रतिशत)
राजस्थान 78
बिहार 75
उत्तर प्रदेश 74
कर्नाटक 63
तमिलनाडु 62
छत्तीसगढ़ 57
मध्यप्रदेश 55
महाराष्ट्र 55
गुजरात 48
पश्चिम बंगाल 46
दिल्ली 46
स्रोत : इंडिया करेप्शन सर्वे 2019

कौन कितने फीसदी भ्रष्ट
पुलिस महकमा 46
स्थानीय अफसर 46
विधायक-सांसद 42
सरकारी विभाग 41
जज-मजिस्ट्रेट 20

2020 में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच
महाराष्ट्र 664
राजस्थान 363
तमिलनाडु 304
कर्नाटक 296
गुजरात 199
मध्यप्रदेश 151
यूपी 62
बिहार 41
दिल्ली 12

कार्रवाई में राजस्थान आगे
भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई में राजस्थान सबसे आगे है। भ्रष्टाचार की सूचना पर “एसीबी आपके द्वार” तक पहुंचती है। अगर पीडि़त 1064 पर फोन कर या व्हाट्सएप 9413502834 पर संदेश, ऑडियो, वीडियो या दस्तावेज भेजता है तो हम भ्रष्ट अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ते हैं। नवंबर तक राजस्थान में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ऐसे 449 मामले दर्ज किए गए हैं।
– बी. एल. सोनी, महानिदेशक, एसीबी, राजस्थान

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