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बूस्टर तोड़ेगा ओमिक्रॉन का चक्र!

locationमुंबईPublished: Dec 27, 2021 08:55:50 pm

Submitted by:

arun Kumar

दुनिया के 36 से अधिक देशों में करोना से बचा रही तीसरी डोज इजरायल में 12 से अधिक उम्र वालों को बूस्टर, चौथी डोज की भी तैयारी
90 देशों में ओमिक्रॉन दे चुका है दस्तक20 फीसदी से अधिक ओमिक्रॉन मामले ब्रिटेन में

बूस्टर तोड़ेगा ओमिक्रॉन का चक्र!

बूस्टर तोड़ेगा ओमिक्रॉन का चक्र!

 

अरुण कुमार
अमरीकी सीनेटर एलिजाबेथ और कोरी बुकर को वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर लगने के बाद भी कोविड पॉजिटिव होने से दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ओमिक्रॉन वैक्सीन और बूस्टर डोज को भी चकमा दे सकता है। दुनिया के करीब 90 देशों में ओमिक्रॉन दस्तक दे चुका है। ऐसे में वैज्ञानिकों की नजर अब बूस्टर डोज पर है। दुनियाभर के 36 से अधिक देशों में बूस्टर डोज लगाई जा रही है।
ब्रिटेन में अब तक दो करोड़ बूस्टर डोज दी जा चुकी हैं। अफ्रीका में मोरक्को, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और ट्यूनीशिया में भी बूस्टर डोज दी जा रही है। इजरायल में जुलाई से ही बूस्टर डोज दी जा रही है। यहां 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को बूस्टर के साथ चौथी डोज की भी तैयारी हो रही है। अमरीका में भी बूस्टर डोज सभी बयस्कों के लिए उपलब्ध है। चीन की राजधानी बीजिंग में अगले साल शीतकालीन ओलंपिक के चलते अक्टूबर से 18 वर्ष से अधिक को बूस्टर दी जा रही है।

मॉडर्ना ने किया बड़ा दावा
अमरीकी दवा निमार्ता मॉडर्ना ने 20 दिसंबर को दावा किया कि साधारण दो खुराक के मुकाबले उसकी बूस्टर डोज ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी है। परीक्षण में 50 माइक्रोग्राम बूस्टर खुराक ने ओमिक्रॉन के खिलाफ 37 गुना जबकि 100 माइक्रोग्राम की बूस्टर डोज ने 83 गुणा अधिक न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा कीं।

ब्रिटेन में लगानी पड़ रही मिलिट्री
ब्रिटेन में दुनिया के कुल 20 फीसदी से अधिक ओमिक्रॉन के मामलों हैं। यहां हर दिन ओमिकॉन के 12 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। 18 से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज खोलने के बाद यहां अफरा तफरी का माहौल है। लोग लंबी कतारों में हैं लेकिन बूस्टर डोज नहीं मिल रही है। सरकारी वेबसाइट कई बार क्रैस हो चुकी है। हालात ऐसे हैं कि मिलिट्री लगानी पड़ रही है।

तीन हजार वालेंटियर्स पर ट्रॉयल
ब्रिटेन में तीन हजार वालेंटियर्स पर परीक्षण हुआ। जिन्हें एस्टोजेनिका की दो खुराक के बाद फाइजर की बूस्टर दी गई उनमें एक महीने बाद अन्य के मुकाबल 25 फीसदी ज्यादा एंटीबॉडी बनीं। वहीं, फाइजर की दो खुराक के बाद फाइजर की ही बूस्टर देने से 8 गुना ज्यादा एंटीबॉडी बनीं।

बूस्टर का ओमिक्रॉन पर प्रभाव
वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन स्पाइक प्रोटीन में बदलाव लाकर एंटीबॉडीज को प्रभावहीन करता है, लेकिन ज्यादा एंटीबॉडी सुरक्षा में कारगर हंै। बूस्टर से टी सेल भी अधिक प्रभावी बनीं जो संक्रमित कोशिकाओं को खत्म कर देती हैं। बूस्टर डोज बीटा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ काम करता है। इसलिए ओमिक्रॉन के खिलाफ भी गंभीर मामलों में असरदार होनी चाहिए।

भारत में क्या है स्थिति
दिसंबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की कोवावैक्स को आपातकालीन इस्तेमाल की को मंजूरी दी है। देश में अक्टूबर तक 100 करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं लेकिन दिसंबर तक 100 फीसदी टीकाकरण लक्ष्य मुश्किल भरा है। अभी तक मात्र 47 फीसदी लोगों को ही दोनों डोज लगी हैं। देश में अब तक 3.5 करोड़ लोग कोरोना की पेट में आ चुके हैं, जो अमरीका के बाद सबसे बड़ी संख्या है।

दुनिया में बूस्टर डोज का हाल
फ्रांस : 1.8 करोड़ से अधिक को फाइजर या मॉडर्ना की बूस्टर
जर्मनी : जर्मनी में क्रिसमस तक 2 करोड़ लोगों को बूस्टर का लक्ष्य
कनाडा : 18 साल के ऊपर के लोगों को बूस्टर की हरी झंडी
ऑस्ट्रिया : 65 वर्ष से अधिक के एक लाख से अधिक लोगों को बूस्टर
चेक गणतंत्र : 20 सितंबर से सभी के लिए बूस्टर डोज उपलब्ध
न्यूजीलैंड : न्यूजीलैंड 29 नवंबर से 18 से ऊपर के लोगों को बूस्टर
हंगरी : अगस्त से बुजुर्गों और 40 साल से ऊपर वालों को बूस्टर
स्वीडन : बुजुर्ग और कमजोर लोगों को बूस्टर डोज दी जा रही है
चीन : अक्टूबर से 18 वर्ष से अधिक को बूस्टर दी जा रही है
डेनमार्क : अगस्त से कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को बूस्टर लग रही
इटली : 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर दी जा रही है

क्या कहते हैं बूस्टर पर हुए शोध
– यूके हेल्थ सिक्योरिटी की रिसर्च में मॉडर्ना और फाइजर की बूस्टर से 70 से 75 फीसदी इम्यूनिटी मिली और ओमिक्रॉन के खिलाफ इफेक्टिव पाई गई।
– इजराइल के शेबा मेडिकल सेंटर और सेंट्रल वायरोलॉजी लैबोरेटरी ने 40 लोगों पर स्टडी में पाया कि ओमिक्रॉन के खिलाफ ज्यादा एंटीबॉडी मिलीं।
– इजराइल में 7.28 लाख लोगों पर स्टडी में सामने आया कि बूस्टर डोज हॉस्पिटलाइजेशन रोकने में 93 फीसदी कारगर है और गंभीर लक्षणों को रोकने में भी 92 फीसदी इफेक्टिव है।

बूस्टर डोज की पालिसी जरूरी
पांच राज्यों में चुनाव ओमिक्रॉन को विष्फोटक बना सकता है। ऐसे में भारत को जल्द से जल्द दोनों डोज का टीकारण पूरा कर लेना चाहिए ताकि बूस्टर डोज पर काम शुरू हो सके। भारत जैसे बड़े देश में बिना पॉलिसी इतनी बड़ी आबादी को बूस्टर डोज देना मुमकिन नहीं है।
– प्रो. शाहिद जमील, सीनियर वायरोलाजिस्ट

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