लॉक डाउन के चलते बड़े पैमाने पर लोग शहर में फंसे हुए थे। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने यात्री ट्रेनों के संचालन का निर्णय लिया। इसके बाद मंगलवार शाम 5.३० बजे मुंबई सेंट्रल से नई दिल्ली के लिए पहली स्पेशल ट्रेन रवाना हुई।
इस ट्रेन में 1487 यात्रियों ने सफर की शुरुआत की। इनमें से मुंबई सेंट्रल से 1107 यात्रियों ने, सूरत से 97, बड़ौदा से 83 यात्री, रतलाम से 23 यात्री और कोटा से 177 यात्रियों ने सफर किया।
सुबह नौ बजे से ही आने लगे यात्री
लॉक डाउन में समय पर पहुंचने का भय स्टेशन पर देखा गया। लोग ट्रेन पकडऩे के लिए सुबह नौ बजे से ही रेल परिसर में पहुंचने लगे। रेल प्रशासन ने यात्रियों के ठहरने के लिए मुंबई सेंट्रल के रिजर्वेशन हॉल में व्यवस्था की। सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कर उन्हें स्टेशन पर भेजा गया।
बच्चों के साथ मुंबई में फंसी
दिल्ली की रहने वाली फराह खान (30) ने कहा कि मेरी बहन का कैंसर से इंतकाल हो गया था। मैं दिल्ली से परिवार से मिलने आई थी, तभी लॉकडाऊन हो गया और हमें यहां रुकना पड़ा। फराह अपने आठ महीने के बच्चे और एक 5 साल की बेटी के साथ सफर कर रही थीं।
मैं नानी बनने वाली हूं
ऐरोली की रहने वाली ममता खत्री ने कहा कि मैं नानी बनने वाली हूं। बेटी गुडगांव में हैं, मुझे उसकी डिलीवरी के लिए जाना था। ईश्वर ने मेरी सुन ली और यह ट्रेन शुरू हो गई। इस ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए मेरे पूरे परिवार ने कई कंप्यूटरों पर बैठकर प्रयास किया।
दिल्ली होकर अन्य राज्यों का सफर
इस ट्रेन में बड़े पैमाने पर ऐसे यात्री थे, जो दिल्ली पहुंचकर वहां से अपने राज्यों के लिए निकलने वाले थे। ऐसे ही एक यात्री पुनीत सिंह ने बताया कि मैं मुंबई में नौकरी करता हूं, अब काम बंद हैं।
मुंबई से हरिद्वार के लिए अभी कोई ट्रेन नहीं है। ऐसे में मैं दिल्ली जा रहा हूं, वहां से किसी तरह घर पहुंचूंगा। एक अन्य यात्री कपिल कुमार ने बताया कि मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं। दिल्ली पहुंचकर वहां से सड़क के रास्ते घर जाऊंगा।