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4 लाख 30 हजार ग्राहकों को आर्थिक हानि

locationमुंबईPublished: Jul 18, 2019 01:47:01 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

अदानी पावर कंपनी उपनगरीय के बढ़े बिलों से बड़ी संख्या में असंतोष
कंपनी के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दल कर चुके हैं विरोध प्रदर्शन
समिति की रिपोर्ट में कई अहम बातें हुईं उजागर

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4 लाख 30 हजार ग्राहकों को आर्थिक हानि

– रोहित के. तिवारी
मुंबई. अगस्त से सितंबर 2018 की अवधि के दौरान अदानी पावर कंपनी उपनगरीय के ग्राहकों को बड़ी संख्या में बढ़े हुए बिजली बिल मिले। इससे 24 लाख 48 हजार ग्राहकों में से 4 लाख 30 हजार ग्राहकों को आर्थिक हानि हुई है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों में असंतोष व्याप्त है। वहीं लोगों के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दल कंपनी के खिलाफ कई बार जबरदस्त विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। फिर इस मामले में राज्य सरकार के संज्ञान के बाद आयोग ने सत्यशोधन समिति का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट में पता चला है कि कंपनी योजनाएं बनाने में विफल रही।
उचित योजना बनाने में विफल रही कंपनी…
विदित हो कि अगस्त 2018 में रिलायंस इंफ्रा ने बिजली वितरण का काम अदानी कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया था। फिर मैन पॉवर की कमी को देखते हुए कंपनी को मीटर रीडिंग लेने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने की उम्मीद थी, जबकि कम मैन पॉवर से ही लोगों के मीटर रीडिंग का काम किया गया। मई में गर्मी अधिक होती है, जबकि जून के महीने में बारिश शुरू हो जाती है। इसलिए इन दो महीनों में बिजली की खपत अधिक रहती है। वहीं अगस्त के महीने में बिजली की खपत कम हो जाती है। कंपनी ने अगस्त से तीन महीने पहले बिल लेने का काम किया। बेशक कई उपभोक्ताओं को 100 से अधिक यूनिट बिजली भेजी गई है, जिसके चलते बिल दर में वृद्धि हुई। इन मामले पर समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि बिजली खरीद के लिए उचित योजना बनाने में कंपनी विफल रही। अब वहीं समिति की इस रिपोर्ट पर उपभोक्ताओं को आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है।
बिजली उपयोग पर हो अध्ययन…
विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड ने अनुबंध के मुकाबले कंपनी को 46 प्रतिशत कम बिजली देने के बाद कंपनी को बिजली खरीदनी पड़ी। समिति ने सिफारिश की कि कंपनी को कम बिजली की आपूर्ति पर एक समाधान तय करना चाहिए, बिजली की खरीद की योजना बनाना चाहिए और बिजली के उपयोग का अध्ययन करना चाहिए।
ग्राहकों को होगा फायदा…
आयोग के अनुसार, गर्मियों में बिजली का उपयोग बढ़ जाता है, इसलिए बिजली के बिल में वृद्धि होती है। जिन ग्राहकों की ओर से शिकायत की गई, उनके मीटरों की वास्तविक रीडिंग ली गई थी और बढ़ी बिल की राशि को अगले बिल से हटा दिया गया था। कंपनी की ओर से पावर बैंकिंग शुरू करने से बिजली खरीद की लागत कम होगी और इसका ग्राहकों को फायदा होगा।
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