मुंबईPublished: Dec 29, 2022 07:29:53 pm
arun Kumar
- महिलाओं ही नहीं पुरुषों पर भी बढ़े 'एसिड अटैकÓ
- 394 मामले दर्ज किए गए 2018 से 2022 तक
- 65 व्यक्तियों को ही इस दौरान ठहराया गया दोषी
- 60 फीसदी से अधिक मामले दर्ज ही नहीं होते
अरुण कुमार
देश में पिछले कुछ समय से एसिड अटैक Acid attack (तेजाब से हमले) के मामले बढ़े हैं। अधिकतर मामले असफल प्रेम संबंध, शारीरिक संबंध से इंकार, दहेज, भूमि विवाद, आपसी रंजिश आदि के चलते देखे गए हैं। एसिड Acid की आसान उपलब्धता इसका बड़ा कारण है। गृह मंत्रालय के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 से 2022 तक महिलाओं पर तेजाब हमले के 394 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान कुल 65 व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया। यह आंकड़ा तब है जब कुल मामलों के 60 फीसदी से अधिक मामले दर्ज नहीं होते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार पिछले छह साल के 1273 दर्ज मामलों में 799 पीडि़़ताओं को हर्जाना अभी तक नहीं मिल पाया है।
खास बात है कि एसिड अटैके के मामले अब सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं पुरुषों पर भी हो रहे हैं। 2022 में कई मामले ऐसे भी आए जहां पुरुषों द्वारा शादी से इनकार करने पर महिलाओं ने एसिड अटैक कर दिया। आंकड़ों पर गौर करें तो कुल मामलोंं में 80 फीसदी पीडि़त महिलाएं जबकि 20 फीसदी पुरुष और बच्चे हैं। इनमें 76 फीसदी आरोपी परिचित या नजदीकी होते हैं। खास बात है कि दुनिया में औसतन 1500 मामले एसिड अटैक के होते हैं जिनमें हर साल करीब 1000 मामले भारत से होते हैं।