scriptMumbai News: रेस्क्यू ऑपरेशन में जान गंवाने वाले कल्याण डोंबिवली नगर निगम के फायरमैन की पत्नियों को मिलेगा 10 लाख रुपया, बॉम्बे HC ने दिया आदेश | After the order of Bombay High Court widows of firefighters will get Rs 10 lakh | Patrika News

Mumbai News: रेस्क्यू ऑपरेशन में जान गंवाने वाले कल्याण डोंबिवली नगर निगम के फायरमैन की पत्नियों को मिलेगा 10 लाख रुपया, बॉम्बे HC ने दिया आदेश

locationमुंबईPublished: Jul 02, 2022 05:48:50 pm

Submitted by:

Dinesh Dubey

ठाणे में चार साल पहले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो दमकलकर्मियों की जान चली गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने फायरमैन की विधवाओं को आर्थिक मदद नहीं की, जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। और घटना के चार साल बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दोनों दमकलकर्मियों की विधवाओं को 10 लाख रुपये का बीमा कवर देने का निर्देश दिया।

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फायरमैन

Kalyan Dombivli News: मुंबई से सटे ठाणे जिले में कुछ साल पहले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो दमकलकर्मियों की जान चली गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने फायरमैन की विधवाओं को आर्थिक मदद नहीं की, जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। और घटना के चार साल बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दोनों दमकलकर्मियों की विधवाओं को 10 लाख रुपये का बीमा कवर देने का निर्देश दिया।
जानकारी के मुताबिक, दोनो दमकल कर्मी नवंबर 2018 में एक कुएं से तीन लोगों को बचाने की कोशिश के दौरान जान गंवा बैठे थे। इस घटना के बाद राज्य सरकार के उनकी पत्नियों को बीमा और अनुग्रह राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया, राज्य सरकार के इस आदेश को दोनों ने कोर्ट में चुनौती दी। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवती मोहितदेरे (Revati Mohitedere) और जस्टिस माधव जाधव (Madhav Jadhav) की बेंच ने महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया।
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याचिकाकर्ता के पति कल्याण डोंबिवली नगर निगम (Kalyan Dombivli Municipal Corporation) में फायरमैन थे और कुएं की सफाई के दौरान बेहोश हुए तीन लोगों को बचाने की कोशिश में उनकी मौत हो गई थी। दरअसल दमकलकर्मी भी कुएं में मौजूद जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गए थे और बाद में अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
इस हादसे के समय दमकलकर्मियों के लिए सरकारी बीमा कोष की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी के तहत 11 लाख रूपये का बीमा कवर था। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और बीमा निदेशालय ने बीमा और अनुग्रह राशि के भुगतान को अस्वीकार करने से पहले सभी कारकों पर विचार नहीं किया और कह दिया कि इसका अन्य लोगों पर अपने कर्तव्यों का पालन करने पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
कोर्ट ने कहा, “यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विसरा रिपोर्ट में एथिल अल्कोहल उन लोगों में भी मिली है जो कुएं में जहरीली गैसों के कारण बेहोश हो गए थे और उन्होंने दम तोड़ दिया था। अल्कोहल की मात्रा पांचों रिपोर्टों में लगभग एक समान थी, जो अत्यधिक असंभव है।”
बेंच के आदेश में कहा गया है, “यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता के पतियों ने कुएं में पाई जाने वाली जहरीली गैसों और तरल पदार्थों के कारण दम तोड़ दिया था। इसलिए राज्य के लिए बीमा पॉलिसी के तहत याचिकाकर्ता के दावे को खारिज करने का कोई जस्टिफिकेशन नहीं था।” इसलिए, कोर्ट ने राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर दोनों विधवाओं को 10 लाख रूपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
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