इसी माह 2 अगस्त को शिकायतकर्ता ने मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी और मुख्य सतर्कता अभियंता से मामले की गहनता से जांच की मांग उठाई। निगम आयुक्त ने विकास योजना विभाग के मुख्य अभियंता को जांच के आदेश दे दिए । चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्य नहीं रोकने पर वार्ड अधिकारी मनीष वलूनजे और उनकी टीम पुलिस बंदोबस्त के साथ अतिक्रमण गिराने गए। जानकारी पर वहां स्थानीय लोगों की भीड़ भी जुट गई, लेकिन अतिक्रमण निरोधी दस्ता बगैर किसी कार्रवाई के लौट गया।
मनपा का तोड़क दस्ता अवैध निर्माण गिराने के लिए जगह पर छह अगस्त को गया था। पर, खाली आने से उसे वित्तीय नुकसान भी पहुंचा। इसी बीच, आठ अगस्त को शिकायतकर्ता शकील शेख की याचिका पर स्थानीय अदालत ने भी अवैध निर्माण पर कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। लेकिन, मनपा अधिकारियों ने कोई तत्परता नहीं दिखाई। इससे अवैध निर्माण करने वाले के हौसले बुलंद हो गए। शिकायतकर्ता ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की आवाज बुलंद की।
प्रकरण में आलाधिकारियों के आदेश पर संज्ञान लिया गया। लेकिन, विभाग के लीगल ऑफिसर से बताया कि प्रकरण की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। ऐसे में सुनवाई होने तक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। यही कारण रहा कि हमने कार्रवाई रोक दी। जैसे ही विधिक अड़चनें दूर होंगी और जैसे आदेश-निर्देश सामने आएंगे, हम एक्शन लेंगे।
मनीष वलूनजे, वार्ड अफसर, एल वार्ड