गौरतलब है कि अन्ना ने बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए लोकपाक की नियुक्ति को लेकर टाल-मटोल करने आरोप लगाया था । अन्ना ने गुरुवार को पीएम को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पिछले चार साल से केन्द्र सरकार टाल-मटोल का रवैया अपना रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही। बता दें कि हजारे ने अपने पत्र में लिखा, ‘लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था, आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आई।’ सरकार के चार साल बीत जाने के बाद भी इस विषय पर इस विषय में कुछ नहीं किया जा सका।
कम नहीं हुई बीजेपी की मुश्किलें
बीजेपी ने अन्ना हजारे के भूख हड़ताल पर बैठने से पैदा होने वाले खतरे को पहले ही भांप कर बीतचीत से इस मामले को समय रहते सुलझा लिया। पर अन्ना हजारे की तरफ से राहत मिलते ही महाराष्ट्र बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र सरकार के बीजेपी विधायक आशीष देशमुख ने विधानसभा की सदस्यता के साथ ही पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि देशमुख ने यह निणर्य सरकार की ओर से किसानों की अनदेखी करने से नाराज होने के बाद लिया है।