सेना की भर्ती के दौरान उम्मीदवारों की मदद के लिए मुस्लिम युवकों ने आगे बढ़ाया हाथ
12 दिनों से उम्मीदवारों को भोजन-पानी की व्यवस्था करा रहे मुस्लिम युवक
सेना भर्ती के दौरान मुस्लिम युवकों ने पेश की अनोखी मिशाल
नागमणि पांडेय मुंबई. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के कई राज्यों में मुस्लिम समाज विरोध दर्शाते हुए जगह-जगह रैलियां निकाल कर रोष प्रकट कर रहा है, हिंसा और आगजनी की खबरें सुनने-देखने को मिली रही है। इनसबों के बीच ठाणे जिले के मुस्लिम बाहुल्य मुंब्रा में मुस्लिम युवक अलग ही मिसाल पेश कर रहे हैं। यहां सेना भर्ती के लिए आए उम्मीदवारों के लिए मुस्लिम समाज की तरफ से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया गया है। मुस्लिम समाज के युवक रात भर सेना भर्ती शिविर में भाग लेने आ रहे युवकों के लिए खाद्य प्रदार्थ के साथ ही पीने का पानी की व्यवस्था कर राष्ट्रीय एकात्मता की भावना मजबूत कर रहे हैं। ठाणे जिले के मुंब्रा स्टेडियम में 13 दिसंबर से भारतीय सेना में भर्ती के लिए शिविर लगाया गया है। इस शिविर में भाग लेने के लिए मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और नासिक जिले के करीब 45 हजार युवकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें लगभग 36 हजार युवक शामिल हुए हैं। दूर-दराज से आने वाले युवकों का रहने का ठिकाना नहीं रहता। वह रात में केन्द्र के समीप ही समय व्यतीत करते हैं। रात करीब 12 बजे भर्ती प्रक्रिया शुरू होती है तो वे इसमें शामिल होते हैं। प्रक्रिया में सर्वप्रथम दौड़, फिर कागजातों की जांच-पड़ताल होती है। इनसबों के बाद मेडिकल की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस तरह करीब 12 घंटे तक यह युवक मैदान में रहते हैं। इस दौरान उनके भोजन-पानी आदि की व्यवस्था में दिक्कतें पेश आती हैं। इनकी इस समस्या को यहां के स्थानीय मुस्लिम युवकों ने दूर करने का मानो बीड़ा उठा लिया है। ये युवक भर्ती में आने वालों का खूब मेहमान नवाजी में जुटे हैं। भोजन-पानी से लेकर हर तरह की मैदद में तैयार हैं।
सेना में भर्ती होने का जुनून: चार दिनों में 1800 युवकों का हो चुका है चयन भर्ती के दौरान नासिक जिले के देवलाली के रहने वाले युवक ने पत्रिका को बताया कि वे दो दिनों से ठाणे के भर्ती शिविर में आए हैं, यहां के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी, जिसके कारण कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसी दौरान स्थानीय युवकों ने उन्हें तरह से मदद की। उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराई। वहीं मुंब्रा भर्ती शिविर के एआरओ कर्नल मनु सूदन ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के लिए भोजन की व्यवस्था करना आर्मी के लिए बजट से अधिक होता है। ऐसे में स्थानीय युवकों का आगे आना सराहनीय है। उन्होंने बताया की बाहर से आ रहे भोजन से उम्मीदवारों के स्वास्थ्य पर असर नहीं हो, इसका खास ख्याल रखा जाता है।