scriptlockdown: कारीगर अपने गांव गए, बप्पा की मूर्ति कैसे बने ? | Artisans went to their village, how did Bappa's idol become | Patrika News
मुंबई

lockdown: कारीगर अपने गांव गए, बप्पा की मूर्ति कैसे बने ?

गणेश मूर्ति बनाने के लिए मूर्तिकारों को नहीं मिल रहा जरूरी सामान
लाकडाउन के चलते रंग-ब्रश जैसे व्यवसाय से संबंधित बाजार बंद
गणेशोत्सव ganeshotsav की तैयारी के लिए तीन महीने ही बचे हैं

मुंबईMay 26, 2020 / 10:20 pm

Subhash Giri

lockdown: कारीगर अपने गांव गए, बप्पा की मूर्ति कैसे बने ?

फाइल फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में इस साल गणेशोत्सव के फीका रहने के आसार हैं। भगवान गणेश की मूर्ति बनाने के लिए मूर्तिकारों को न तो जरूरी कच्चा माल मिल रहा है और न ही कारखानों में काम करने के लिए मूर्ति बनाने वाले कारीगर ही मिल रहे हैं। गणेशोत्सव की तैयारी के लिए तीन महीने ही बचे हैं। ऐसे में मूर्तिकारों को समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें। कोरोना संकट के बीच गणेश मूर्ति बनाने का काम नहीं शुरू हो पाया है। गणेशोत्सव के लिए गणेश मूर्ति बनाने के लिए ज्यादातर कच्चा माल गुजरात से मंगाया जाता है, जो मूर्तिकारों को नहीं मिल पा रहा है।
कामगारों की कमी बड़ी मुसीबत
गणेशोत्सव की मांग पूरी करने के लिए मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल आदि जगहों पर मूर्तियां बनाी जाती हैं। पनवेल के कुंभारवाडा, भिंगारी में ही गणेश मूर्ति बनाने के 10 कारखाने हैं। यहां पूरे साल मूर्ति बनाने का काम चलता है, लेकिन जरूरी सामान नहीं मिल पाने के कारण यहां मूर्ति निर्माण नहीं शुरू हो पाया है। मूर्तिकार शिवाजी वैद्य ने बताया कि कोरोना के डर से मूर्ति बनाने वाले कारीगर गांव चले गए हैं। इस कारण फिलहाल कारीगर नहीं मिल रहे हैं। साथ ही रंग-ब्रश जैसे व्यवसाय से संबंधित बाजार बंद हैं। मूर्ति बनाने के ऑर्डर भी नहीं मिल रहे हैं।

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