इसके बाद उस महिला को ढेर सारे पैसे दिए जाने का लालच देकर जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए जोर दिया जा रहा था। लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका भंडाफोड़ कर दिया। मुंबई से करीब 110 किलोमीटर दूर पालघर जिले के डहाणू के पास शुक्रवार को सरावली तलावपाड़ा में दिन के समय यह महिला अपने घर में अकेली थी। तभी इन चार मिशनरियों ने उन्हें ईसाई धर्म अपना लेने के लिए ढ़ेर सारे पैसों का लालच दिया था। इस घटना के बाद डहाणू पुलिस ने पहले हिरासत में लिया और मामले में तथ्य दिखाई देते ही गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि पालघर जिले में डहाणू, तलासरी, जव्हार और विक्रमगढ़ जैसे आदिवासी बाहुल्य इलाकों में धर्म बदलवाने कोशिशें पिछले कई सालों से की जा रही हैं। इन इलाकों में रहने वाले गरीब आदिवासियों का फायदा उठाकर उन्हें कई तरह के लालच दिए जाते हैं और उन्हें हिंदू से ईसाई बनाया जाता है। जिसकी वजह से यहां कई बार हिंदू आदिवासियों और ईसाई आदिवासियों के बीच पर्व-त्योहारों को मनाने को लेकर तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है।
शुक्रवार की दोपहर डहाणू के पास सरावली तलावपाड़ा के चार ईसाई मिशनरी सख्ती पर उतर आए। जिसके बाद महिला ने पुलिस में इसकी शिकायत की। महिला ने शिकायत में कहा है कि चार ईसाई मिशनरी सख्ती से यह कह रहे थे कि वे अपने धर्म का पालन ना करे। गांव में इनके आने की खबर सुनते ही स्थानीय लोग और हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और इन लोगों से सवाल करने लगे कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? जिसके बाद महिला ने पुलिस शिकायत दर्ज की। इस शिकायत के बाद डहाणू पुलिस ने क्लेमेंट डी बैला, मरियामा टी फिलिप्स, परमजीत उर्फ पिंकी शर्मा कौर और परशुराम धर्मा धिंगाड़ा को हिरासत में ले लिया और उन पर आईपीसी की धारा 153, 295, 448, 34 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।