इधर, रा’य में दोनों गुटों के समर्थकों के बीच खटास बढ़ गई है। मंगलवार रात उद्धव समर्थकों ने पुणे में बागी विधायक और पूर्व मंत्री उदय सामंत की एसयूवी का शीशा तोड़ दिया था। सामंत की शिकायत पर पुलिस ने 6 उद्धव समर्थकों को गिरफ्तार किया है। डोंबिवली की शिवसेना शाखा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की फोटो लगाने को लेकर भी दोनों पक्षों में मंगलवार को मारपीट हुई थी। बता दें कि शिवसेना के 55 में से 40 विधायक शिंदे के साथ हैं। शिंदे के नेतृत्व में बगावत के बाद सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही उद्धव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा के सहयोग से शिंदे ने सरकार बनाई है। पार्टी के दो तिहाई विधायकों और सांसदों के समर्थन का हवाला देते हुए शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना होने का दावा कर रहा है।
जस्टिस रमणा ने पूछे तल्ख सवाल
-दो तिहाई विधायक नहीं कह सकते कि वही मूल राजनीतिक पार्टी हैं। दल-बदल कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
-बागी विधायकों के पास दूसरी पार्टी में विलय या नई पार्टी के गठन का विकल्प है।
-व्हिप का पालन नहीं करने पर खत्म हो सकती ही पार्टी की सदस्यता।
-अयोग्य विधायक चुनाव आयोग नहीं जा सकते। इन हालात में बनी सरकार और उसके फैसले भी अवैध।
-सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में अर्जी लगाई।
-दो तिहाई विधायक नहीं कह सकते कि वही मूल राजनीतिक पार्टी हैं। दल-बदल कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
-बागी विधायकों के पास दूसरी पार्टी में विलय या नई पार्टी के गठन का विकल्प है।
-व्हिप का पालन नहीं करने पर खत्म हो सकती ही पार्टी की सदस्यता।
-अयोग्य विधायक चुनाव आयोग नहीं जा सकते। इन हालात में बनी सरकार और उसके फैसले भी अवैध।
-सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में अर्जी लगाई।
शिंदे गुट की दलीलें
-पार्टी टूटी नहीं है। इसमें दो गुट हैं। आपसी मतभेद हैं। विधायक नेतृत्व में बदलाव चाहते थे, जो पार्टी विरोधी नहीं है। यहां दल-बदल कानून लागू नहीं होता।
-चुनाव आयोग में चल रही कार्रवाई का विधायकों की अयोग्यता से कोई लेना-देना नहीं।
-रही बात चुनाव चिन्ह के लिए चुनाव आयोग में अर्जी लगाने की तो बीएमसी सहित कई स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। आयोग ही चुनाव चिन्ह तय करता है।
-नई सरकार बन गई है। उद्धव इस्तीफा दे चुके हैं। अब केवल विधायकों की अयोग्यता का मामला बचता है।
चव्हाण ने कहा था गलत कदम
सीएम पद से उद्धव के इस्तीफे को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गलत कदम बताया था। शिंदे गुट ने आज कहा कि उद्धव के पास बहुमत नहीं था। इसके बाद शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार बनी। चव्हाण ने कहा था कि उद्धव ने जल्दबाजी में फैसला किया। बागियों के खिलाफ वे दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई कर सकते थे।
सीएम पद से उद्धव के इस्तीफे को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गलत कदम बताया था। शिंदे गुट ने आज कहा कि उद्धव के पास बहुमत नहीं था। इसके बाद शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार बनी। चव्हाण ने कहा था कि उद्धव ने जल्दबाजी में फैसला किया। बागियों के खिलाफ वे दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई कर सकते थे।
दो महीने में 751 आदेश
भाजपा के सहयोग से दो महीने पहले बनी शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अभी लटका हुआ है। बावजूद इसके आदेश फटाफट जारी किए जा रहे हैं। अब तक 751 सरकारी आदेश जारी किए गए हैं। जल्द कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच शिंदे ने कहा कि ये आदेश सबूत हैं कि हमारी सरकार ठीक से काम कर रही है।
भाजपा के सहयोग से दो महीने पहले बनी शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अभी लटका हुआ है। बावजूद इसके आदेश फटाफट जारी किए जा रहे हैं। अब तक 751 सरकारी आदेश जारी किए गए हैं। जल्द कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच शिंदे ने कहा कि ये आदेश सबूत हैं कि हमारी सरकार ठीक से काम कर रही है।