Mumbai News : भागवत वही अमर कथा है जो शिव ने माता पार्वती को सुनाई थी
मुंबईPublished: Dec 17, 2019 06:56:55 pm
मन लगातार चिंतन करता रहेगा। इसलिए एक भी क्षण ना गंवाए, जब भी अवसर मिले, हरिनाम स्मरण, भगवत कथा का स्मरण और जाप करते ही रहना चाहिए
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मीरा भायंदर. भागवत कथा में कथावचक देवकीनंदन ठाकुर ने अमर कथा एवं शुकदेव के जन्म का वृतांत विस्तार से वर्णन किया। कथा के दूसरे दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने कथा का श्रवण किया। कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि चित जिसका चिंतन करता है, वो बदल जाता है। जो हम चिंतन करेंगे, श्रवण करेंगे, वहीं जीवांत स्थिति के अलावा सोने के दौरान भी बना रहता है, वही चिंतन वही मनन बना रहता है। हमेशा भगवान का नाम स्मरण करते रहने का लाभ है। जितना भगवान का नाम आप जाग्रत अवस्था में लेंगे, चित्त उसमें रमण करने लगेगा। चित्त जब उसमें रम जाएगा, तो आप चाहे क्यों ना सो जाएं, लेकिन आपका मन नहीं सोएगा। मन लगातार चिंतन करता रहेगा। इसलिए एक भी क्षण ना गंवाए, जब भी अवसर मिले, हरिनाम स्मरण, भगवत कथा का स्मरण और जाप करते ही रहना चाहिए।
जो भगवान की कथा से दूर भागते हैं, वो दुर्भाग्शाली
वो लोग दुर्भाग्यशाली होते हैं जो भगवान की कथा से दूर भागते हैं उनका नाम नहीं जपते हैं और दूसरे कामों में ही लगे रहते हैं। हालांकि हर कोई संत नहीं बन सकता और हर किसी का कल्याण नहीं हो सकता। अगर संसार को हम लंका समझे, तो हमें उसमें अपने आप को विभीषण बनाकर रखना चाहिए। लंका में भी राम भक्ति होती है। आप पर निर्भर करता है कि आप लंका में रहकर रावण के विचारों को अपनाते हो या फिर लंका में रहकर राम की भक्ति करते हों। राम एक संकल्प प्रभु है वहीं राम सत्य संकल्प है। भगवान के नाम का आश्रय जीव को किसी भी तरह ले लेना चाहिए।
जो लोग मनी माइंडेड होते हैं वो ना रिश्तों को मानते हैं ना भक्ति को
भागवतम का ये कथा अमृत जब जब मिले, बिना कुछ सोचे समझे स्वीकार कर लेना चाहिए। जो लोग मनी माइंडेड होते हैं वो ना रिश्तों को मानते हैं ना भक्ति को और ना ही गोविंद को। उनके लिए पैसा ही सबकुछ है। लेकिन जो लोग गोविंद को मानते हैं वो ये जानते हैं कि भक्ति में ही शक्ति है। कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा की श्रीकृष्ण दुखी है कि इस कलयुग के व्यक्ति का कल्याण कैसे हो, राधारानी ने पूछा क्या आपने इनके लिए कुछ सोचा है। प्रभु बोले एक उपाय है हमारे वहां से कोई जाए और हमारी कथाओं का गायन कराए और जब ये सुनेंगे तो इनका कल्याण निश्चित हो जाएगा। बात आई की कौन जाएगा, तो बोले की शुक जी जा सकते हैं, शुक को कहा गया वो जाने के लिए तैयार हो गए। श्री शुक भगवान की कथाओं का गायन करने के लिए जा रहे हैं तो मार्ग में कैलाश पर्वत पड़ा, कैलाश में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं। भागवत वही अमर कथा है जो भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई थी।