बुधवार को सुबह मनपा कार्यालय में चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक पूरी कराने की तैयारी कर ली गई थी। मनपा सदन में सबसे पहले शिवसेना और कांग्रेस के नगरसेवक पहुंचे, इसके भाजपा के सभी नगरसेवक नारेबाजी करते हुए सदन में दाखिल हुए। साढ़े 11 बजे पीठासीन अधिकारी मिलिंद बोरिकर ने चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत की।
सुबह मनपा सदन पत्रकार कक्ष में शिवसेना सांसद राजन विचारे, विधायक प्रताप सरनाईक, विधानपरिषद सदस्य रविंद्र फाटक और कांग्रेस के प्रदेश कार्याध्यक्ष मुजफ्फर हुसैन अचानक पहुंच गए, जिसके बाद कयास लगाया जाने लगा कि महाविकास आघाडी का उम्मीदवार महापौर चुनाव में बाजी मार सकता है। पर, ऐसा हुआ नहीं। भाजपा ने महापौर चुनाव में महाविकास आघाडी को करारी शिकस्त दे दी।
भाजपा के पांच नगरसेवकों ने शिवसेना उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। विधायक एवं नगरसेविका गीता जैन, मोरस रॉड्रिक्स, अश्विन कसोदरिया, परशुराम म्हात्रे, वैशाली रकवि ने शिवसेना को मतदान कर पार्टी से नाराजगी मोल ले ली है। वहीं कांग्रेस की सारा अकरम भाजपा के विजय राय, शिवसेना की दीप्ती भट्ट, अनीता पाटील मतदान में शाामिल नहीं हुईं, वे सदन नहीं आकर पार्टी से बगावत की। भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता पर आरोप लगाने वाली भाजपा नगरसेविका नीला सोंस ने भाजपा उम्मीदवार को मतदान कर सबको आश्चर्य चकित कर दिया। कांग्रेस की वरिष्ठ नगरसेविका महापौर चुनाव में हिस्सा लेने के लिए स्ट्रेचर के सहारे मनपा पहुंच कर एकनिष्ठता की मिसल पेश की। शहर में हिंदी भाषी समाज की संख्या को देखते हुए उपमहापौर पद पर मदन सिंह का चयन नहीं होने से उनके समर्थकों के साथ ही हिंदी भाषी भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी के सुर देखे गए। सूत्रों की माने तो पार्टी के व्हिप को नजरअंदाज करनेवाले नगरसेवकों के खिलाफ पार्टी कार्रवाई करने वाली है, ऐसे में मीरा भायंदर के कुछ वार्डो में उपचुनाव होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।