उद्योगपति सत्यमूर्ति को भी भेजा नोटिस सड़क विस्तार के इस कार्य में अमिताभ बच्चन के बंगले के प्रतीक्षा लान के अलावा उद्योगपति केवी सत्यमूर्ति सहित अन्य के घर भी आ रहे हैं, इन सभी को बीएमसी ने नोटिस भेजा है, जिसका जवाब देते हुए सत्यमूर्ति ने कहा कि वे अपने बंगले का कोई भी हिस्सा बीएमसी को नहीं तोडऩे देंगे। जबकि अमिताभ बच्चन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। बीएमसी की दिक्कत यह है कि अमिताभ बच्चन के पड़ोसी उद्यमी केवी सत्यमूर्ति (80) अपनी जमीन का 27 प्रतिशत हिस्सा देने को राजी नहीं हैं। बीएमसी को सड़क विस्तार करने के लिए इतनी जगह की ही जरूरत है। बीएमसी सूत्रों का कहना है कि अमिताभ बच्चन भी अपने बंगले का हिस्सा बीएमसी को देने के इच्छुक नहीं हैं। इस संबंध में वह संकेत दे चुके हैं।
गलत उद्देश्य से परेशान करने का आरोप हाल ही में सत्यमूर्ति को बीएमसी की ओर से नोटिस दिया गया था कि उनकी चारदीवारी गिरा दी जाएगी। इस पर सत्यमूर्ति कोर्ट चले गए हैं और बीएमसी अधिकारियों पर खुद और अमिताभ बच्चन को गलत उद्देश्य से परेशान करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि 2001 में सत्यमूर्ति ने खुद को स्वीकृत एफएसआई (फ्री फ्लोर स्पेस इंडेक्स) से कहीं ज्यादा जाकर सात मंजिला बिल्डिंग खड़ी कर ली थी। उद्यमी ने 420 वर्गमीटर अतिरिक्त संपत्ति बनाई है, जिसमें से बीएमसी को 115 वर्गमीटर हिस्से की आवश्यकता है। बीएमसी करेगी कब्जा बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है, इलाके की सड़क को चौड़ा करने का काम पिछले साल शुरू किया गया था। अगर अमिताभ बच्चन और सत्यमूर्ति के बंगले से जरूरी हिस्सा नहीं मिला तो संत ज्ञानेश्वर मार्ग के विस्तार का अब तक का किया गया सारा कार्य बेकार चला जाएगा। हमने सत्यमूर्ति को 15 नवंबर तक का समय दिया था। अब जल्द ही उनके बंगले के जरूरी हिस्से पर कब्जा किया जाएगा। वहीं, सत्यमूर्ति का कहना है कि सड़क चौड़ी करने का कोई औचित्य नहीं समझ में आ रहा है। वे जान नहीं पा रहे हैंं कि बीएमसी क्यों इस पर इतना जोर दे रही है। अधिकारी उन्हें और अभिनेता अमिताभ बच्चन को परेशान कर रहे हैं। वे न्याय के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।