scriptMumbai: ‘जब कब्रिस्तान के लिए जगह नहीं है तो गगनचुंबी इमारतें क्यों…’, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा | Bombay High Court rebukes Maharashtra government over no space for graveyards in Mumbai | Patrika News

Mumbai: ‘जब कब्रिस्तान के लिए जगह नहीं है तो गगनचुंबी इमारतें क्यों…’, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा

locationमुंबईPublished: Sep 20, 2022 11:23:26 am

Submitted by:

Dinesh Dubey

Bombay High Court News: बॉम्बे हाईकोर्ट में महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के लिए शहर के बांद्रा इलाके में अंतिम संस्कार स्थल बनाने के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला किया है।

Bombay High Court slams government for lack of graveyard in Mumbai

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कब्रिस्तान की कमी को लेकर सरकार को फटकारा

Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है और पूछा है कि जब शहर में कब्रिस्तान के निर्माण के लिए जगह ही नहीं है तो गगनचुंबी इमारतों के निर्माण का क्या मतलब है। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मायानगरी मुंबई में मौत के बाद दफनाने के लिए जगह की कमी पर चिंता जताई है।
मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई के रहने वाले मोहम्मद फुरकान कुरैशी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में नए कब्रिस्तान के निर्माण के लिए याचिका दायर की थी। दरअसल याचिकाकर्ता ने सुन्नी मुस्लिमों के लिए मुंबई में अलग कब्रिस्तान बनाने का अनुरोध किया था।
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मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने फुरकान की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह गंभीर समस्या है।

वहीँ, कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के लिए शहर के बांद्रा इलाके में अंतिम संस्कार स्थल बनाने के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। लेकिन अभी इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गयी है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह प्रक्रिया दो और सप्ताह में पूरी हो जाएगी।
इस पर कोर्ट ने कहा, ‘‘जब कब्रिस्तान के लिए जमीन नहीं है तो ऊंची-ऊंची इमारतों का क्या मतलब है। आप गगनचुंबी इमारतों को बनाने की अनुमति देते रहते हैं और लोगों को यहां आने के लिए कहते रहते हैं, लेकिन यहां तो ऐसी बुनियादी सुविधाओं का ही अभाव हैं।’’ अब इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
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