यह काम न्यायालय का है : याचिकाकर्ता इसमें से 11 पुलिसकर्मियों की सजा 6 महीने स्थगित करके उन्हें जल्दी छोडऩे का निर्णय राज्य सरकार ने दिसंबर 2015 में लिया था। इस निर्णय के विरोध में एडवोकेट राम प्रसाद गुप्ता ने याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि यह काम सरकार का न होकर न्यायालय का है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्णय सुनाया है। न्यायमूर्ति भूषण धर्माधिकारी और रेवती डेरे की खंडपीठ ने इन पुलिस वालों की सजा 6 महीने स्थगित करके उन्हें जल्दी छोडऩे के निर्णय को नकार दिया है।