यह मामला ओशिवरा के 9,500 वर्ग मीटर भूखंड से जुड़ा है। इस भूखंड पर मर्करी और मिलेनियम हाउसिंग सोसायटी के नाम बहुमंजिला इमारत बनाई जा रही है। जमीन के मूल मालिक जुबेर इब्राहिम को ठेंगा दिखाते हुए बिल्डर शाहिद आई ए खान यहां पर निर्माण कार्य करा रहा है। ए और बी विंग मिला कर यहां पर कुल 208 फ्लैट बनाए गए हैं। फरियाद के लिए इब्राहिम म्हाडा से लेकर मंत्रालय तक गए, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई। भूखंड के मालिकों को न तो म्हाडा की ओर से कोई नोटिस मिला और न ही बिल्डर के साथ झुबेर ने कभी कोई अग्रीमेंट किया।
भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में जुटी म्हाडा
उल्लेखनीय है कि बिल्डर ने ओशिवरा के सर्वे नंबर 33/8 के अलावा भी अवैध कागजात और फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी के बूते 33/9, 33/10, 33/13, 33/14 समेत कुल 9,500 वर्ग मीटर जमीन हथिया ली। जमीन मालिकों की शिकायत पर आवास विकास मंत्री ने रिपोर्ट मांगी है, जो अब तक नहीं सौंपी गई है। इससे साफ संकेत मिलता है कि म्हाडा भ्रष्ट अधिकारियों को बचा रही है।
जमीन के मूल मालिक झुबेर इब्राहिम का कहना है कि उक्त भूखंड का मालिकाना हक उन्हें बांबे हाईकोर्ट से मिला था। हम फिर कोर्ट की शरण में हैं। अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंंगे।
म्हाडा मुंबई बोर्ड के अध्यक्ष मधु चव्हाण ने कहा कि हमने मामले को गंभीरता से लिया। भूखंड के मालिकों में शुमार अभिजीत शेट्टी की शिकायत के आधार पर संबंधित अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जिस किसी को भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
मुंबई. मानखुर्द-अंधेरी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के कारण लोगों को भारी असुविधा हो रही है। जनसमस्याओं के समाधान के लिए शिवसेना विधायक तुकाराम काते शुक्रवार को कीचड़ में ही बैठ गए। उन्होंने कहा कि हम मेट्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह चाहते हैं कि ऐसे इंतजाम करने चाहिए ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।