मुंबई और दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। 1 जनवरी को बुल्ली बाई ऐप ने पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और प्रसिद्ध हस्तियों सहित एक विशेष धर्म की कई महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की थी। यह सुल्ली डील के विवाद के छह महीने बाद हुआ। अपमानजनक सुल्ली डील्स मोबाइल ऐप जुलाई 2021 में सामने आई थी, जहां मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें उनकी सहमति के बिना ऐप पर नीलामी के लिए डाल दी गई थीं।
छह महीने बाद, समुदाय की महिलाओं को परेशान करने और उन्हें निशाना बनाने की एक और घटना तब सामने आई जब दिल्ली की एक महिला पत्रकार ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि मोबाइल एप्लिकेशन पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इस बार, ऐप को बुल्ली बाई नाम दिया गया था। इसे यूएस-आधारित गिटहब प्लेटफॉर्म पर बनाया गया था।
मामलों के मुख्य आरोपी की पहचान नीरज बिश्नोई के रूप में हुई, जिसने बुल्ली बाई ऐप बनाया और सुल्ली डील्स ऐप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर को दिल्ली पुलिस ने इसी साल क्रमश: 6 जनवरी और 8 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने आरोपी नीरज बिश्नोई को असम से पकड़ा था। बिश्नोई असम के जोरहाट गांव का रहने वाला है और बी.टेक, कंप्यूटर साइंस के द्वितीय वर्ष में पढ़ाई कर रहा था। उसने पिछले साल अक्टूबर में, उन महिलाओं की एक सूची बनाई थी, जिन्हें वह अपने डिजिटल उपकरणों, एक लैपटॉप और सेल फोन पर ऑनलाइन बदनाम करना चाहता था। वह पूरे सोशल मीडिया पर महिला कार्यकर्ताओं को ट्रेस कर रहा था और उनकी तस्वीरें डाउनलोड कर रहा था। बिश्नोई की गिरफ्तारी के ठीक दो दिन बाद 25 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से पकड़ा गया था।