पहाड़ों पर रहने वाले लाखों लोगों के लिए न तो सड़क है, न पानी, हर बार विधायक बनने से पहले लोग बड़े-बड़े वादे कर जाते हैं, पर कोई काम नहीं करता। पहाड़ों पर अवांछित तत्व अवैध निर्माण कर गरीबों को बेच देते हैं। ऐसे में बारिश के दौरान यहां पर पत्थर सरकने से कई लोग जान गंवा चुके हैं। पहाड़ों से पत्थर गिरने से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार बनाने को हर वर्ष करोड़ों रूपए आते हैं, पर कभी यहां दीवार के नाम पर लोगों लीपापोती होती रही है। इस गोलमाल की कहीं कोई सुनवाई नहीं। विक्रोली को सीआरजेड में डालने के चलते यहां पर पुरानी इमारतों के नवीनीकरण का काम अधर में लटक गया है।
कन्नमवार नगर में रहने वाले रॉबर्ट डिसूजा कहते हैं कि रेलवे स्टेशन के आस-पास हजारों लोग खुले में शौच में जाने को मजबूर हैं। हर बार विधायक यहां पर शौचालय बनाने की बात करत हैं। पर जीतने के बाद विधायक का मिलना असंभव हो जाता है। इलाकें की सड़कों पर हॉकरों की भीड़ ऐसी है कि यहां पर चलना मुश्किल है।
विक्रोली में हजारों रिक्शे और टैक्सी हैं, पर उनके लिए कहीं कोई स्टैंड नहीं दिखता। ऐसे में एक प्रॉपर जगह के अभाव में हॉकर और रिक्सा-टैक्सी चालक यहां वहां खड़े रहते हैं। इससे वरिष्ठ नागरिकों का चलना दूभर है। पार्क साइड में रहने वाले विजय कुमार जैन बाताते हैं कि यहां पर गरीबी और अशिक्षा के चलते मादक पदार्थों की चपेट में यहां के युवक हैं, इससे क्राइम का ग्राफ भी ऊपर है। इस सीट पर 2009 में मनसे के मंगेश सांगेल एनसीपी की पल्लवी पाटिल को हारकर विधायक बने। 2014 में शिवसेना के सुनील राऊत ने मनसे के मंगेस सांगले को हाकर जीत हासिल की। इस बार फिर सुनील राऊत मैदान में हैं, शिवसेना के धनंजय पिसाल और मनसे के विनोद रामचंद्र शिंदे अच्छी लड़ाई लड़ते दिख रहे हैं।