पिछले 15 दिनों में इस क्षेत्र में कुल 1900 मिमी बारिश हुई है, जिसमें 1100 मिमी सात दिन में हुई है। बारिश के दौरान घाट इलाके में पत्थर गिरते हैं, जिस कारण ट्रेन परिचालन में बाधा आती है। गाडिय़ों के सुचारु संचालन के लिए सेंट्रल रेलवे ने हाल के दिनों में एस रूट से 700 संवेदनशील बोल्डर हटाए हैं। पिछले वर्ष इतनी बारिश 45 दिनों में हुई थी।
सेंट्रल रेलवे के डीआरएम संजय कुमार जैन ने बताया कि हमने पटरियों को टकराने से रोकने के लिए कनाडाई बाड़ लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा हम सुरंग की छत को भी बढ़ा रहे हैं ताकि यदि कोई पत्थर सरकता है, तो यह सीधे ट्रेन या पटरियों पर न गिरे। कनाडाई बाड़ दो से तीन मीटर लंबी होती है, जो दो मीटर की गहराई में गाड़ी जाती है। इसका वजन लगभग 250-300 किलो है। इससे पत्थरों को पटरियों पर लुढ़कने से रोकने में मदद मिलती है। इसके बीच की दूरियां काफी चौड़ी होती हैं, लिहाजा यह मिट्टी और कीचड़ को नहीं रोक पाता।
लगाई गई 650 मीटर बाड़
सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने बताया कि अभी तक हमने कनाडा की बाड़ 650 मीटर की असुरक्षित जगहों पर लगा दी है। हम चार स्थानों पर सुरंग का विस्तार करने जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पत्थरों को ट्रैक पर गिरने से रोक सकता है। सेंट्रल रेलवे ने पटरी पर पत्थरों को गिरने से रोकने के लिए आईआईटी से अध्ययन कराया था। आईआईटी ने यहां बाड़ लगाने की सिफारिश की थी।
कई जगह लगाए सीसीटीवी कैमरे
प्रधान मुख्य अभियंता एसके अग्रवाल ने बताया कि हमने कई कदम उठाए हैं। बहुत से स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पत्थर गिरने के कारण, मुंबई-पुणे मार्ग पर कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई है, भले ही देरी हुई है। पत्थर गिरने के बाद ट्रैक क्षेत्र में पत्थर और मिट्टी हटाने में कुछ समय लगा, जिसके बाद गाडिय़ां चलाई गईं।
सेंट्रल रेलवे के डीआरएम संजय कुमार जैन ने बताया कि हमने पटरियों को टकराने से रोकने के लिए कनाडाई बाड़ लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा हम सुरंग की छत को भी बढ़ा रहे हैं ताकि यदि कोई पत्थर सरकता है, तो यह सीधे ट्रेन या पटरियों पर न गिरे। कनाडाई बाड़ दो से तीन मीटर लंबी होती है, जो दो मीटर की गहराई में गाड़ी जाती है। इसका वजन लगभग 250-300 किलो है। इससे पत्थरों को पटरियों पर लुढ़कने से रोकने में मदद मिलती है। इसके बीच की दूरियां काफी चौड़ी होती हैं, लिहाजा यह मिट्टी और कीचड़ को नहीं रोक पाता।
लगाई गई 650 मीटर बाड़
सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने बताया कि अभी तक हमने कनाडा की बाड़ 650 मीटर की असुरक्षित जगहों पर लगा दी है। हम चार स्थानों पर सुरंग का विस्तार करने जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पत्थरों को ट्रैक पर गिरने से रोक सकता है। सेंट्रल रेलवे ने पटरी पर पत्थरों को गिरने से रोकने के लिए आईआईटी से अध्ययन कराया था। आईआईटी ने यहां बाड़ लगाने की सिफारिश की थी।
कई जगह लगाए सीसीटीवी कैमरे
प्रधान मुख्य अभियंता एसके अग्रवाल ने बताया कि हमने कई कदम उठाए हैं। बहुत से स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पत्थर गिरने के कारण, मुंबई-पुणे मार्ग पर कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई है, भले ही देरी हुई है। पत्थर गिरने के बाद ट्रैक क्षेत्र में पत्थर और मिट्टी हटाने में कुछ समय लगा, जिसके बाद गाडिय़ां चलाई गईं।