आज का दिन जागरण का दिन है। आज का दिन अज्ञान से ज्ञान की ओर प्रस्थान करने का दिन है। 260 वर्ष पूर्व एक प्रकाश यात्रा प्रारंभ हुई थी। महावीर के संघ में उज्जवल चरित्र का उन्नयन हुआ था। उज्ज्वल चरित्र की पुर्नस्थापना करने वाले थे महामना आचार्य भिक्षु। भिक्षु दृढ़ संकल्प के धनी हिमालयी पुरुष थे। जब व्यक्ति की संकल्प चेतना प्राणवान बनती है, तो वह अपने साध्य को प्राप्त कर लेती है। वही साध्य सिद्धि बन मंजिल बन जाता है। सिद्धिदायी भिक्षु को प्रणाम। साध्वी सुधा प्रभा ने कहा आचार्य भिक्षु की महावीर के प्रति प्रबल भक्ति ही तेरापंथ के रूप में प्रवाहित हुई। साध्वी मैत्री प्रभा ने मंच संचालित करते हुए कहा भिक्षु निश्पृहता के शलाका पुरुष थे। प्रिया श्रीश्रीमाल, सभा के मंत्री जितेंद्र बरलोटा ने हृदयोदगार प्रस्तुत किये।
मैने कभी शराब, मांस व अंडे का सेवन नही किया
प्रख्यात गीतकार विराग मधुमालती ने कहा मेरा जन्म मराठी परिवार में हुआ है, किंतु में कर्म से जैन हूँ। मैने कभी शराब,मांस व अंडे का सेवन नही किया है। मेरे भाई अर्जुन सिंघवी के कारण मुझमे महाप्रज्ञ व महाश्रमण के दर्शनों का शुभ संयोग प्राप्त हुआ। साध्वी आणिमा ने कहा विराग बहुत सुंदर गायक है। मराठी होते हुए भी जब वह भिक्षु गीतों का संगान कर रहे थे तो लग रहा था की कोई भिक्षु भक्त गया रहा है। अर्जुन सिंघवी, अनिता धारीवाल ने सभा मे अपने विचार व्यक्त किये। विमल गादिया ने संघ संचालन किया।