महाराष्ट्र का सीएम बनने के बाद अब तक एकनाथ शिंदे को तीन बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। एक बार तब भी उन्हें मारने की साजिश रची गई थी जब वे आषाढ़ी एकादशी के समय पंढरपुर के दौरे पर थे। गढ़चिरोली का संरक्षक मंत्री होने के कारण सीएम शिंदे नक्सलियों के निशाने पर भी थे। सीएम बनने के बाद उन्होंने राज्य की पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज करने का आदेश दिया है।
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वहीं, दूसरी तरफ पूरे देश में एनआईए ने राज्यों के एटीएस, पुलिस, ईडी जैसी एजेंसियों के सहयोग से पीएफआई के खिलाफ छापेमारियां की हैं। महाराष्ट्र के भी कई ठिकानों पर पीएफआई के ऑफिसों को सील किया जा रहा है और इस संगठन को जड़ से उखाड़ फेंकने की तैयारी की जा रही हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को जान से मारने की धमकी देने वाला कौन है और इसके पीछे कहीं ऐसा कट्टर संगठन तो नहीं है। इन सभी एंगल से पता लगाने की कोशिशों में एजेंसिंयां लगी हुई हैं। पीएफआई के कई ठिकानों पर एनआईए और राज्य एटीएस की कार्रवाइयों के बाद पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने पुणे में इसके खिलाफ खुलकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था जिसमें ये कार्यकर्ता ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुनाई दे रहे थे। इसके बाद सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा फैसला लेते हुए पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए पुणे पुलिस ने दर्ज हुए केस से देशद्रोह की धाराओं को वापस ले लिया था।
बता दें कि आंतकवाद और कट्टरता के खिलाफ कड़ा फैसला लेने के चलते सीएम एकनाथ शिंदे पर हमले का खतरा और बढ़ गया है। इसके अलावा नक्सली भी पुराना बदला लेने के इरादे से ऐसे प्लान बना सकते हैं। ऐसे में सीएम शिंदे की सुरक्षा और भी कड़ी की जा सकती हैं।