ऐसा नहीं है कि देेश में डिजिटल (Digital) पेमेंट (Payment) के प्रति रुझान कम हुआ है। लॉक डाउन के बाद तस्वीर थोड़ी बदल गई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्री एसके घोष (SK Ghosh) की ओर से जारी एक रिसर्च नोट (Research Note) में बताया गया है कि घर में नकदी रखना लोगों की मजबूरी है। लॉकडाउन जैसे हालात में ज्यादातर लोग पास-पड़ोस की दुकानों से रोजमर्रा की चीजें खरीदते हैं। छोटे दुकानदार आज भी रोकड़ा ( Cash) में व्यवहार करते हैं। लोगों को यह आशंका भी है कि कोरोना की बीमारी नियंत्रण में नहीं आई तो लॉक डाउन बढ़ाया भी जा सकता है। इसलिए पर्याप्त कैश घर में होना जरूरी है।