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देश भर में कोरोना का खौफ, लाखों लोगों ने बैंकों से निकाले 53 हजार करोड़

locationमुंबईPublished: Mar 29, 2020 12:17:05 am

Submitted by:

Basant Mourya

तमाम एहतियात के बावजूद देश में कोरोना मरीजों (Corona-19) की संख्या लगातार बढ़ रही है। कफ्र्यू (Curfew) और लॉक डाउन (Lock Down) के चलते लोग परेशान हैं। अधिकांश लोगों को आशंका है कि लॉक डाउन बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में घरों में खाने-पीने की चीजों का स्टॉक (essentials) जमा किया जा रहा है। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए लोग बैंकों (Bank) से पैसे निकाल (withdrawing cash) रहे हैं।
 

देश भर में कोरोना का खौफ, लाखों लोगों ने बैंकों से निकाले 53 हजार करोड़

देश भर में कोरोना का खौफ, लाखों लोगों ने बैंकों से निकाले 53 हजार करोड़

मुंबई. लॉक डाउन की घोषणा सहित तमाम सरकारी (Government) उपायों के बावजूद देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जहां हैं, वहीं रहें और जान है तो जहान है जैसी अपील के बावजूद काम-धंधा ठप होने से देश भर में दिहाड़ी मजदूरों का पलायन जारी है। जो लोग घरों में हैं, वे भी कम परेशान नहीं हैं। लोग न सिर्फ घरों में खाने-पीने की चीजों का स्टॉक (Stock) जमा कर रहे हैं बल्कि महामारी से बचने के लिए जरूरत से ज्यादा पैसे (Cash) भी बैंकों से निकाल रहे हैं। 13 मार्च को समाप्त हुए पखवाड़े के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी रिपोर्ट इस पर मुहर लगाती है। लाखों लोगों ने अपने बैंक खाते से 15 दिन के भीतर 53 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
रिजर्व बैंक का कहना है कि त्योहारी मौकों पर बैंकों से पैसे की निकासी बढ़ती है। लेकिन, मार्च में पैसे की निकासी त्योहारी अवसरों से भी ज्यादा हुई है। आंकड़ों से साफ पता चलता है कि बीते 16 महीने में किसी भी पखवाड़े में जनता ने बैंकों से इतने पैसे नहीं निकाले हैं। जानकारों के मुताबिक इसका सीधा नाता कोरोना वायरस (Covid-19) से जुड़ा भय है। लोग कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। कोरोना से बचने के लिए पर्याप्त पैसे अपने पास रखना चाहते हैं, ताकि जरूरत पडऩे पर कैश की किल्लत का सामना न करना पड़े।
कैश रखना मजबूरी
ऐसा नहीं है कि देेश में डिजिटल (Digital) पेमेंट (Payment) के प्रति रुझान कम हुआ है। लॉक डाउन के बाद तस्वीर थोड़ी बदल गई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्री एसके घोष (SK Ghosh) की ओर से जारी एक रिसर्च नोट (Research Note) में बताया गया है कि घर में नकदी रखना लोगों की मजबूरी है। लॉकडाउन जैसे हालात में ज्यादातर लोग पास-पड़ोस की दुकानों से रोजमर्रा की चीजें खरीदते हैं। छोटे दुकानदार आज भी रोकड़ा ( Cash) में व्यवहार करते हैं। लोगों को यह आशंका भी है कि कोरोना की बीमारी नियंत्रण में नहीं आई तो लॉक डाउन बढ़ाया भी जा सकता है। इसलिए पर्याप्त कैश घर में होना जरूरी है।

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