राजस्थान की यूनिवर्सिटी की भी डिग्री मिली गिरफ्तार फार्मासिस्ट के पास से राजस्थान की एक बड़ी यूनिवर्सिटी की डिग्री मिली है। अधिकतर फार्मासिस्ट के पास इसी यूनिवर्सिटी की डिग्री मिली है। इसके कारण पुलिस को संदेह है की यह यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त नहीं हो सकती या इसी की डिग्री फार्मासिस्ट काउंसिल से मान्यता प्रात नहीं होगा। इसको देखते हुए ठाणे पुलिस ने इन फार्मासिस्टो की सूची यूनिवर्सिटी के साथ-साथ फार्मासिस्ट काउंसिल के पास भेजी है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, तब तक प्राप्त दस्तावेज की गहन पड़ताल की जा रही है।
वाय चीट इंडियां की तरह बने थे सर्टिफिकेट मुंबई में मेडिकल कालेज और यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा था। इस यूनिवर्सिटी में फर्जी डी-फार्मा, बी-फार्मा, नर्सिंग और मेडिकल लेबोरेटरी की मार्कशीट के साथ ही फार्मेसी स्टोर, नर्सिंग होम और मेडिकल लेबोरेटरी खोलने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे थे। छापेमारी में कारोबार का किंगपिन डाक्टर पुरुषोत्तम ताहिलरमानी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा। वाय चीट इंडिया फिल्म में जैसे इमरान एक एजेंट के रोल में इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा में लोगों को पास करवाने के लिए अमीर छात्रों से मोटी रकम लेकर पूरा नेक्सस ऑपरेट करता है। ठीक वैसे ही मेडिकल कालेज का चेयरमैन पुरोषोत्तम ताहिलरमानी भी अलग-अलग स्ट्रीम से पास छात्रो को फार्मेसी खोलने के लिए राजस्थान बोर्ड, दिल्ली बोर्ड, अजमेर और उत्तर प्रदेश बोर्ड के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाता रहा है। जाली सर्टिफिकेट पर फार्मेसी खोलने के लिए महाराष्ट्र स्टेट फार्मेसी काउन्सिल से लाइसेंस तक दिलवा देता है। क्राइम ब्रांच ने अभी तक मुंबई ठाणे, नवीं मुंबई, भिवंडी से 10 से अधिक फार्मासिस्ट गिरफ्तार किए गए हैं।