मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक व्यापारिक संगठन की ओर से मुंबई हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में यह अनुरोध किया गया कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर बाजार में थर्माकोल से बने उत्पाद बेचने की छूट दी जाए। संगठन का कहना है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो ऐसे व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा। बताया जा रहा है कि व्यापारियों ने उत्सव के बाद स्वयं से इन उत्पादों का निस्तारण करने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति एएस ओक और न्यायमूर्ति रियाज छागला की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल उत्पादों पर रोक लगाई है उसके पीछे एक जायज कारण है। क्योंकि भारी मात्रा में प्लास्टिक व थर्माकोल का कचरा इक्टठा होता है और इस कचरे का निस्तारण नहीं किया जा सकता है।
प्लास्टिक बैन वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से प्लास्टिक व उससे बने उत्पदों को बेचने पर रोक लगा दी है। इससे संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान भी रखा गया है। इस तरह से प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है। प्लास्टिक उत्पादों के साथ थर्माकोल से बने उत्पादों को भी इसमे शामिल किया गया है। राज्य में यह नियम लागू होने के बाद के बाद प्लास्टिक बैग एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव निमित पुनामिया ने यह जानकारी देता हुए यह कहा था कि इससे राज्य के व्यापारियों को भारी नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे 15 हजार करोड़ रूपयो का नुकसान होने की आशंका है साथ ही में 3 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती है।