उस समय कोर्ट ने उसकी याचिका को महाराष्ट्र सरकार को रेफर करते हुए उपयुक्त निर्देश देने को कहा था, लेकिन देविका रोटावन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। इसलिए उन्होंने दोबारा बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
बता दें कि गुरुवार को जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और एमएस कार्निक की खंडपीठ के सामने पेश हुई इस याचिका पर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वकील ज्योति चवन ने बताया कि देविका रोटावन को राज्य सरकार की ओर से 13.26 लाख रुपए का मुआवजा दिया जा चूका है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार की ओर से वकील आर.बुबना का कहना है कि देविका रोटावन को हमले के बाद सरकारी नीति के तहत दस लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था।
आर.बुबना ने कहा कि देविका रोटावन अधिकार के नाम पर ऐसे और चीजों की मांग नहीं कर सकती हैं। इस मौके पर देविका रोटावन के वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं थे, इसलिए इस मामले को खंडपीठ ने 12 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
26/11 को अजमल कसाब सहित लश्कर के 10 आतंकियों ने मुंबई में टेरर अटैक किया था। अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। इसके बाकी साथी मारे गए थे। कसाब को 3 मई 2010 को 80 मामलों में दोषी ठहराया गया था। कसाब के खिलाफ भारत में हमला करने और बेगुनाहों का खून बहाने का दोषी ठहराया गया था। इस मामले में कोर्ट ने 6 मई 2010 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी।