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Maha Dharavi Slum News: फिर लटकी धारावी पुनर्विकास परियोजना, म्हाडा को इतने हजार करोड़ का फटका?

locationमुंबईPublished: Feb 15, 2020 11:50:53 am

Submitted by:

Rohit Tiwari

विभागों में तालमेल ( Synergy ) न होने के कारण म्हाडा ( Mhada ) को 26 हजार करोड़ ( Crore ) का नुकसान? ( Loss ), धारावी पुनर्विकास परियोजना ( Dharavi Redevelopment Project ) का काम ठप, 2004 में हुई थी शुरुआत, स्लम ( Slum ) को नए घरों का इंतजार

Maha Dharavi Slum News: फिर लटकी धारावी पुनर्विकास परियोजना, म्हाडा को इतने हजार करोड़ का नुकसान?

Maha Dharavi Slum News: फिर लटकी धारावी पुनर्विकास परियोजना, म्हाडा को इतने हजार करोड़ का नुकसान?

रोहित के. तिवारी
मुंबई. महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने धारावी पुनर्विकास परियोजना के सेक्टर एक में चल रहे काम को बंद कर दिया। इससे म्हाडा को करीब 26 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अंदेशा है। पता चला है कि रेलवे और अन्य विभागों की अड़चनों के चलते म्हाडा को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और प्राधिकारण को आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्राधिकरण अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 2004 से लेकर अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है। वहीं काम रुकने से यह सारी राशि पानी में बहने की संभावना है। संस्था ने स्लम एरिया को विकसित करने और यहां के निवासियों को पक्के घर देने के लिए धारावी पुनर्विकास योजना की शुरुआत की थी, लेकिन बीच में ही काम रोक दिया। अब न घर मिले और राशि भी ठिकाने लग गई। प्राधिकरण ने हाल ही में एक सेक्टर में निर्माणाधीन काम रोक दिया। धारावी के पुनर्विकास की शुरुआत 2004 जनवरी में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने की थी।

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गरीब तबके को नहीं मिलेंगे घर
सरकार ने धारावी के पुनर्विकास को पांच भागों में बांटा था, जबकि सेक्टर पांच के पुनर्विकास का काम म्हाडा को सौंपने का निर्णय किया गया। प्राधिकरण ने काम कराने की औपचारिकताएं पूरी कर ठेकेदारों से झुग्गी-झोपडिय़ों को तोड़कर गगनचुंबी इमारतें बनाने का काम शुरू कर दिया। इन इमारतों के आवंटन में झोपड़ी में रहने वालों को प्राथमिकता दी गई और जो फ्लैट बचने थेे, उनकी लॉटरी के माध्यम से बेचने की योजना बनाई गई। म्हाडा का प्रयास धारावी के लोगों को पुनर्वास भवन प्रदान करके आम लोगों के लिए घर बनाने का था। हालांकि पुनर्विकास के काम बंद होने से अब यह साफ हो गया कि आम लोगों और झुग्गी-झोपड़ी वालों को घर नहीं मिलेंगे। इस परियोजना में कई विवाद आने से मामला खटाई में पड़ गया।

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कंपनी को नहीं दिया जा रहा इरादा पत्र…
तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार ने धारावी के एक साथ पुनर्विकास के लिए एक कंपनी स्थापित की थी। कंपनी ने विश्व स्तर पर निविदा प्रक्रिया शुरू की थी। निविदा प्रक्रिया में दुबई की कंपनी ने गहरी रुचि दिखाई। इसके अलावा देश की नामी-गिरामी कंपनियों ने धारावी का पुनर्विकास करने के लिए हजारों करोड़ की निविदाएं भरीं। बाद में एक निजी कंपनी को काम मिल गया, लेकिन उसे अब तक काम शुरू करने की इजाजत नहीं दी गई।

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धारावी के पुनर्विकास पर संशय…
फडणवीस सरकार ने कानूनी राय मांगकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। क्योंकि इस योजना में 45 एकड़ जमीन रेलवे की है और रेलवे राज्य सरकार को यह जमीन देने की इच्छुक नहीं है। रेलवे और राज्य सरकार के बीच खींचतान के चलते परियोजना लटकी पड़ी है। हालांकि फडणवीस सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना की निविदा प्रक्रिया को सफलतापूर्वक शुरू किया था, लेकिन डेवलपर की नियुक्ति में वर्षों की देरी हो गई।

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पुनर्विकास को खतरा नहीं…
धारावी पुनर्विकास योजना म्हाडा की प्राथमिकता में है। प्राधिकरण चाहता है कि गरीब तबके को बेहतर आवास सुविधा मिले। इस परियोजना में आने वाली सभी बाधाओं को जल्द दूर कर दिया जाएगा और गरीबों के मकान के सपने को पूरा किया जाएगा। धारावी में एक सेक्टर पर बने मकानों को केवल पुनर्वास के लिए उपलब्ध किया जाएगा। इसलिए धारावी के एकत्रित विकास के लिए कोई खतरा नहीं होगा।
– मिलिंद म्हैसकर, उपाध्यक्ष, म्हाडा

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