थानेदार की गैरहाजिरी में बेची गई थी स्पिरिट सूत्र ने बताया कि कुशीनगर के तरेया सुजान पुलिस थाना उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमा से लगा है। यहां अक्सर स्पिरिट की तस्करी की जाती है। थानेदार विनय पाठक के निर्देश पर पिछले डेढ़ साल में हजारों लीटर स्पिरिट पकड़ी गई है, जो मौका देखकर बेच दी जाती है। 1 फरवरी से 4 फरवरी तक विनय पाठक अवकाश पर थे। तभी थाने के दीवान और मुंशी ने जब्त जहरीली स्पिरिट शराब माफिया को बेच दी। स्थानीय लोगों ने पत्रिका को बताया कि अक्सर पुलिसवाले स्थानीय लोगों पर स्पिरिट से बनी शराब बेचने का दबाव बनाते हैं।
हरियाणा और इंदौर से टैंकर में लाई जाती है स्पिरिट जानकारी के अनुसार हरियाणा और इंदौर से पेट्रोल और डीजल टैंकर में स्पिरिट लाई जाती थी। टैंकर तरेया सुजान थाना क्षेत्र में ही खाली किया जाता था और वहीं शराब बनाई जाती थी, जिसे बिहार तक सप्लाई किया जाता है। शराब कांड में पहली गिरफ्तारी हरेंदर यादव की राजस्थान के भीलवाड़ा से की गई है। हरेंदर मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट का रहने वाला है। बिहार में शराब बंदी के बाद इसने कुशीनगर में अपना डेरा जमाया। कुछ दिन बाद कुशीनगर के तमकुही के शराब माफिया दीपक यादव ने इसके साथ मिलकर स्पिरिट से बनी हजारों लीटर शराब बेच डाली।
……….. शराब बेचने वालो की पहचान हो गई है जिसमे से एक को गिरफ्तार किया गया है। दोषी लोगो को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी थानेदार विनय पाठक, एक एसआई और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
– राजीव नारायण मिश्र, पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर