मुंबईPublished: Jun 09, 2021 10:24:52 pm
Chandra Prakash sain
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को यह टिप्पणी की
बिना ब्रेक लिए देर रात 11-15 बजे तक सुनवाई करती रही
मुंबई . कोरोना समाज का सबसे बड़ा दुश्मन है। केंद्र का रवैया वायरस के बाहर आने के इंतजार में सीमाओं पर खड़े होने के बजाय उस पर सर्जिकल स्ट्राइक करने जैसा होना चाहिए। यह टिप्पणी बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने की। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि केंद्र का ‘घर के पास’ टीकाकरण अभियान केंद्र पर संक्रमित व्यक्ति के आने की प्रतीक्षा करने जैसा था। पीठ ने दो वकीलों की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार जन कल्याण के फैसले कर रही थी, लेकिन इन्हें लागू करने में देरी हुई। इससे कई जिंदगियां चली गईं। याचिका में कोर्ट से सरकार को 75 साल से ज्यादा आयु वाले लोगों को घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू करने के निर्देश देने की मांग की गई। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कोर्ट में कहा था कि घर-घर जाकर टीकाकरण संभव नहीं है, इसलिए ‘घर के पास’ टीकाकरण अभियान शुरू करने का फैसला किया गया।