script

Maha Health News: ब्लैक लिस्टेड होंगे दवा विक्रेता, डीएमईआर ने शुरू की कार्रवाई

locationमुंबईPublished: Feb 25, 2020 03:35:46 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

दवा विक्रेता ( Deug Dealer ) होंगे ब्लैक लिस्टेड ( Black Listed ), आपूर्तिकर्ताओं ( Suppliers ) की भूमिका की डीएमईआर ( DMER ) ने की आलोचना, आपूर्तिकर्ताओं ने किया ऑडिट ( Audit ) की विरोध, राज्य भर के सरकारी अस्पतालों की वार्षिक लागत करीब 60 करोड़

Maha Health News: ब्लैक लिस्टेड होंगे दवा विक्रेता, डीएमईआर ने शुरू की कार्रवाई

Maha Health News: ब्लैक लिस्टेड होंगे दवा विक्रेता, डीएमईआर ने शुरू की कार्रवाई

मुंबई. सरकारी मेडिकल अस्पताल प्रशासन और दवा आपूर्तिकर्ता के बीच विवाद पैदा हो गया है और आपूर्तिकर्ता को दोषी पाए जाने पर मेडिकल निदेशालय (डीएमईआर) ने उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का फैसला किया है। हालांकि दवा आपूर्तिकर्ताओं ने दवाओं के बिल के ऑडिट का कड़ा विरोध किया है। मुंबई में जे.जे. अस्पताल समेत कामा, सेंट जॉर्ज और जीटी हॉस्पिटल में दवा विक्रेताओं ने 60 करोड़ रुपए के बकाया बिल के विरोध में पिछले बारह दिनों से आपूर्ति में कटौती की है। आपूर्तिकर्ताओं की भूमिका की आलोचना करते हुए डीएमईआर ने बकाया बिलों का ऑडिट करने का निर्णय लिया। जबकि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में दवा की वार्षिक लागत लगभग 60 करोड़ रुपये है।

रिस्क फैक्टर : ऑनलाइन दवा खरीदते हैंं तो जानें कैसे बुला रहे हैं अपने लिए मुसीबत

Maha Health News: ब्लैक लिस्टेड होंगे दवा विक्रेता, डीएमईआर ने शुरू की कार्रवाई

आपूर्तिकर्ता दोषी पाया गया तो…
वहीं डीएमईआर निदेशक ने कहा कि चार अस्पताल के बिलों की कीमत 60 करोड़ रुपए सरासर झूठी है, जबकि डॉ. तात्याराव लहाने ने इस विषय पर और अधिक खुलासा करते हुए ‘पत्रिका’ को बताया कि एक नियम के तहत अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति में स्थानीय दवा डीलरों से मेडिसिन की मांग का 10 प्रतिशत तक खरीदने का अधिकार है। इसलिए इन सभी बिलों का ऑडिट किया जाएगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रदीप देशपांडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की गई है और इसका परीक्षण आठ दिनों से चल रहा है। वहीं आपूर्तिकर्ताओं की मांग को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट के बाद आने पर बकाए का भुगतान किया जाएगा। वहीं अगर आपूर्तिकर्ता दोषी पाया जाता है तो उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा।

19 एमबीबीएस छात्र फर्जी जाति प्रमाण जमा करने पर निष्कासित

 

अस्पताल के ऑडिट पर संदेह…
राज्य के विभिन्न अस्पतालों में तीन महीने के भंडारण के बावजूद स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से आखिर दवा क्यों खरीदी जाए, ऐसा सवाल डीएमईआर ने उठाया है। वहीं डीएमईआर ने दवा विक्रेताओं द्वारा उठाए गए विरोध को भी सिरे से खारिज कर दिया। अस्पताल की दवाओं का सालाना ऑडिट होता है। वहीं असोसिएशन का कहना है कि डीएमईआर की ओर से फिर से जांच की जानी है, जिसका अर्थ है कि डीएमईआर को अस्पताल के ऑडिट का संदेह है।

 

प्रभावित नहीं हुई दवा सेवा…
मुंबई के जे.जे., कामा, सेंट जॉर्ज, जीटी अस्पतालों समेत राज्य भर के सभी अस्पतालों में तीन महीने का दवा का भंडारण उपलब्ध है। भंडार हैं, जबकि कुछ एक दवा आपूर्तिकर्ताओं के स्ट्राइक होने से दवा सेवा प्रभावित नहीं हुई है।
– डॉ. तात्याराव लहाने, डायरेक्टर, डीएमईआर

ट्रेंडिंग वीडियो