मुंबई

काबलियत के दम पर मुंबई में राजस्थान का नाम रोशन किया

महापौर बनने के बाद शहर को समस्या मुक्त बनाने के बीड़ा उठाया

मुंबईMar 08, 2019 / 07:43 pm

Devkumar Singodiya

international women day

मीरा भायंदर.
राजस्थान जिला पाली गांव कोशिला से आनेवाली गीता भरत जैन ने मुंबई से पढ़ाई की और कॉलेज के दिनों से ही समाजसेवा में रूचि रखने वाली गीता जैन ने अपनी काबिलियत और परिवार के सहयोग के चलते मीरा भायंदर की राजनीति में प्रथम नागरिक होने का दर्जा हासिल किया।
गीता जैन अपने राजनीतिक सफर को लेकर कहती है कि उनके पिता समान ससुर जो की पाली से सांसद रह चुके हैं, उन्होंने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया और सन 2002 में वे पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मीरा भायंदर महानगरपालिका का चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की बाद में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी और महापौर बनी। महापौर बनने के बाद शहर को समस्या मुक्त बनाने के बीड़ा उठाया जिसके तहत उन्होंने पानी समस्या दूर करने के लिए 75 एमएलडी पानी योजना लाई और उनके कार्यकाल में यह पानी शहर को मिलने लगा जिसे वो सबसे बड़ी उपलब्धि मानती है।
भायंदर पश्चिम स्तिथ पंडित भीमसेनजोशी अस्पताल उनके कार्यकाल के दौरान ही मरीजों की सेवा के लिए शुरू किया गया। शहर के विद्यार्थियों के लिए पहली ई लायब्रेरी की शुरुआत की। इसके अलावा उनके कई कार्य की चर्चा आज भी मीरा भायंदर के लोग करते हें। इसकी फेहरिश्त लंबी है।

महिलाओं के लिए रोजगार उपलब्ध

महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्होंने अस्त्र फाउंडेशन की स्थापना की जिसके तहत कई महिलाओ को रोजगार उपलब्ध कराया गया। भायंदर राई गांव के पास महिलाओं के लिए सैनेटरी पैड बनाने की शुरुआत हुई जिसमे आज 22 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं।

ससुर मीठालाल जैन को आदर्श मानती
हैं गीता

गीता अपने ससुर को आदर्श मानती हैं और कहती हैं उनके ससुर मीठालाल जैन ने उन्हें कहा था कि राजनीति सिर्फ सेवा के लिए है और जब पैसा कमाने की इच्छा हो तो सोनम बिल्डर में बड़े ओहदे की चेयर हमेशा तुम्हारे लिए है। गीता जैन महापौर कार्यकाल को लेकर कहती है कि उनका कार्यकाल जनता को समर्पित था जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

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