उल्लेखनीय है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच रिश्ता गहरा है। दोनों की आपसी नजदीकियां किसी से छुपी नहीं हैं। उद्धव के साथ अपने बेहतरीन रिश्ते को फडणवीस ने स्वयं स्वीकार किया है। ऐसे में भाजपा-शिवसेना के बीच बढ़ी कड़वाहट को अब फडणवीस ही मिटाएंगे।
पिछले कुछ दिनों से भाजपा और शिवसेना नेताओं ने एक-दूसरे पर जम कर आरोप लगाते हुए कड़े प्रहार किए हैं। महाराष्ट्र के दौरे पर आए शाह ने जहां शिवसेना के प्रत्याशियों को पटक देने और हराने की बात कही थी, वहीं जवाब में शिवसेना ने जमीन में गाड़ देने की बात कह कर झगड़े की आग को और बढ़ा दिया। वर्ष 2014 की तरह इस बार लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर नहीं है। जमीनी हकीकत को देखते हुए भाजपा ने कई बार कदम पीछे लेकर शिवसेना के साथ गठबंधन का प्रयास किया है लेकिन, शिवसेना अपने अपमानों का बदला लेने का सही वक्त भांपते हुए भाजपा को झटका देने का निर्णय ले चुकी है।