मुंबईPublished: Jun 05, 2019 06:10:20 pm
Devkumar Singodiya
देश भर में ईद, तैयारियां पूरी
भाईचारे का पैगाम लेकर आती है ईद
मुंबई. देशभर में बुधवार को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। मंगलवार देर शाम को ईद का चांद दिखा, जिसका बेसब्री से इंतजार था। ईद के दिन सभी एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देते हैं और अमन व बरकत की दुआ मांगते हैं। रमजान के महीने के बाद ईद का पावन पर्व सभी के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह मन की पवित्रता एवं उसकी शुद्धता के लिए मनुष्य को प्रेरित करता है।
नि:संदेह यदि हम इस पावन पर्व के मूल आदर्शों का पालन करें तो लोगों के बीच वैर-भाव, शत्रुता और भेद-भाव को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। यह त्यौहार हमें भाईचारे तथा एक-दूसरे से प्रेम करने की सीख देता है।
‘ईदÓ का त्योहार मुस्लिम समुदाय का मुख्य त्यौहार है। विश्व के सभी कोनों में फैले मुस्लिम लोग इसे बड़ी ही श्रद्धा और उल्लासपूर्वक मनाते हैं। वास्तव में ईद का त्यौहार समाज में खुशियां फैलाने, पड़ोसियों के सुख-दुख में भागीदार बनने तथा जन-जन के बीच सौहार्द फैलाने में महत्चपूर्ण भूमिका अदा करता है। ईद-उल-फित्र दरअसल दो शब्द हैं। ईद और फित्र। ईद यानि खुशी।
रमजान में जकात अदा करने की परंपरा है
ईद के साथ फित्र को जोड़े जाने का एक खास मकसद है। वह मकसद है रमजान में जरूरी की गई रुकावटों को खत्म करने का ऐलान। साथ ही छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सबकी ईद हो जाना। यह नहीं कि पैसे वालों ने, साधन-संपन्न लोगों ने रंगा-रंग, तड़क-भड़क के साथ त्योहार मना लिया व गरीब-गुरबा मुंह देखते
रह गए। शब्द फित्र के मायने चीरने, चाक करने के हैं और ईद-उल-फित्र उन तमाम रुकावटों को भी चाक कर देती है, जो रमजान में लगा दी गई थीं। जैसे रमजान में दिन के समय खाना-पीना व अन्य कई बातों से रोक दिया जाता है।
ईद के बाद आप सामान्य दिनों की तरह दिन में खा-पी सकते हैं। गोया ईद-उल-फित्र इस बात का ऐलान है कि अल्लाह की तरफ से जो पाबंदियां माहे-रमजान में तुम पर लगाई गई थीं, वे अब खत्म की
जाती हैं। इसी फित्र से फित्रा बना है। फित्रा यानी वह रकम जो
खाते-पीते, साधन संपन्न घरानों के लोग आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को देते हैं।